कजरी तीज
सभी बहू,बेटियों और सुहागिनों को
(डॉ.) कमला माहेश्वरी ‘कमल’ ,बदायूँ ,उ.प्र. द्वारा पावन कजरी तीज पर्व मनाने के कारण के साथ-साथ यथावत् काव्यमय शुभकामनाएं व शुभाशीष _
वर्ष हजारों तप किया, माँ गौरा हो आर्त ।
बाद परीक्षा शिव मिलीं, स्वीकारा पश्चात ।।
पावन कजरी तीज तिथि,कृष्ण पक्ष था भाद्र ।
वामांगी स्वीकृत किया,हो कर के शिव आर्द्र ।।
शर्त रखी गौरा तुरत , ले आओ बारात ।
तब ही जाऊंँ साथ में,वरण करो जगतात।।
पूर्व जन्म में थी गई ,बिन बरात प्रभु साथ ।
कर पाई ना निर्वहन , छुटा बीच ही हाथ ।।
धूमधाम से तब हुआ,शिव -गौरा का ब्याह ।
जीवन भर को थी बनी,इक दूजे प्रति चाह ।।
यही चाह हो युगल में, रहे अखण्ड सुहाग ।
रखें सुहागिनि व्रत अमल,बनी रहे पति पाग ।।
सान्ध्य तीज का चन्द्र लख,खोलें व्रत वे आज ।
ले वाँछा मन में यही , अमर रहे सरताज ।।
शिव – गौरा पूजन करें , कर षौडष श्रृंगार ।
माँ से मांँगे नारियांँ , हैं अटूट पति – प्यार ।।
सुखद शान्ति सौहार्द्र घर ,दे माँ ये वरदान।
आन – बान हो,शान हो , गौरवशाली मान ।।
गृह जन के हों पूज्य जो,छू पग लो आशीष ।
उनके सम्मुख भी सदा , झुका रहे ये शीष ।।
सामाजिक ये रीति है , है संस्कृति की बात ।
इससे घर में नित्य ही , मिले प्रेम सौगात ।।
माता हो या सास जी , दें सिंधारा साथ ।
साथ दुआ भी देत हैं , उठे गर्व से माथ ।।
____
____
______________
______________
तत्काल स्वरचित ,
प्रोफेसर (डॉ.) कमला माहेश्वरी ‘कमल’
बदायूँ , उ.प्र. ।
Date – 22-8-2024 . समय 12: 47 pm
भाद्रपद (मास),कृष्ण पक्ष,तृतीया तिथि दिन-गुरुवार ।______