वेद कथा का छठा दिन
बिल्सी, यज्ञ तीर्थ गुधनी में स्थित आर्य समाज यज्ञ मंदिर में चल रही वेद कथा के छठे दिन वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूपने कहा “माता-पिता से बढ़कर संतान का कोई और हितैषी नहीं होता… ! लेकिन आज के दौर में बच्चे जैसे-जैसे जवान होते जाते हैं वैसे वैसे ही माता-पिता की उपेक्षा करते जाते हैं ! वे अपने माता-पिता को समय नहीं देते न ही उनकी सेवा करते हैं आज की युवा पीढ़ी अपना समय फेसबुक व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर बिताना पसंद करती है पर अपने बुजुर्गों के पास बैठना अच्छा नहीं लगता और यही समाज के परिवार के बिगड़ने का एक बहुत बड़ा कारण है ! उन्होंने कहा भगवान को किसी ने नहीं देखा लेकिन यदि भगवान शरीरधारी अगर होता है तो उसका स्वरूप मां-बाप का ही सकता है । आचार्य संजीव रूप ने पांच कार्य नित्य करने का संकल्प भी कराया ! भजन करेंगे, हवन , माता-पिता बुजुर्गों का पूजन करेंगे,अतिथियों का सत्कार करेंगे,जीव जंतुओं से प्यार करेंगे । इससे पूर्व सभी ने मिलकर भजन गाए ।इस अवसर पर राकेश आर्य अनिल सक्सेना,विनीत कुमार सिंह,मनोज कुमार,हरपाल सिंह किशनपाल आर्य,दुर्गेश कुमार सिंह श्रीमती ज्योति रानी श्रीमती दया शर्मा श्रीमतीकमलेश रानी आदि मौजूद रहे