बिल्सी में जैनियों ने मनाया नेमिनाथ स्वामी का गर्भ कल्याणक
बिल्सी। नगर के मोहल्ला संख्या आठ स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर पर शनिवार को जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ स्वामी का गर्भ कल्याणक धूमधाम से मनाया गया। यहां सबसे पहले भगवान जिनेन्द्र स्वामी का मंगल जलाभिषेक कर शांतिधारा की गई। इसके बाद भगवान की आठ प्रकार के द्रव्यों से विशेष पूजा अर्चना की गई। जैन समाज के मीडिया प्रभारी प्रशान्त जैन ने बताया कि भगवान नेमिनाथ बाल ब्रह्मचारी थे एवं उन्होंने देखा कि जब अपने विवाह भोज के लिए मारे जा रहे पशुओं की चीखें सुनीं, तो उन्होंने पशुओं को मुक्त कर दिया और अपना सांसारिक जीवन त्याग दिया और जैन तपस्वी बन गए। इस घटना के प्रतिनिधि जैन कला में लोकप्रिय हैं। उन्होंने जूनागढ़ के पास गिरनार पहाड़ियों पर मोक्ष प्राप्त किया था और एक सिद्ध बन गए थे। एक मुक्त आत्मा जिसने अपने सभी कर्मों को नष्ट कर दिया था। महावीर, पार्श्वनाथ और ऋषभनाथ के साथ नेमिनाथ उन चौबीस तीर्थंकरों में से एक हैं जो जैनियों के बीच सबसे अधिक भक्ति पूजा को आकर्षित करते हैं। इस मौके पर शालिनी जैन, प्रियांश जैन, सागर जैन, ज्योति जैन, अनिल जैन आदि मौजूद रहे।