3:33 am Friday , 31 January 2025
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मनुष्य का जीवन परोपकार के लिए ही मिला है : आचार्य संजीव रूप

बिल्सी, जो दूसरोंके दुखों को दूर करता तथा खुशियां देता है वही धार्मिक और ईश्वर का प्यारा होता है ! तहसील क्षेत्र के यज्ञ तीर्थ गुधनी ग्राम में स्थित आर्य समाज मंदिर में चल रही वेद कथा के तीसरे दिनयह विचार वेद कथाकार आचार्य संजीव रूप ने व्यक्त किए ! वेद कथा की अमृत वर्षा करते हुए प्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा आपके पासधन कितना है यह बड़ी बात नहीं ‘ आपके पास शांति कितनी है यह बड़ी बात है ! उन्होंने कहानी सुनाते हुए कहा एक घमंडी राजा था । एक संत के पास गया संत ने पूछा तुम कौन हो राजा ने कहा मैं राजा हूं ! संत हंसकर बोला तुम्हारा राज्य एक लोटा पानी से ज्यादा मूल्यवान नहीं है ! राजा ने आश्चर्य चकित होकर पूछा सो कैसे तब संत ने कहा यदि तुम किसी निर्जन स्थान में अकेले फंस गएऔर भूख प्यास से तुम्हारे प्राण निकलने को है तभी कोई एक लोटा पानी लेकर आए तो तुम उसे क्या दोगे ?राजा ने कहा मैं उसे पानी के बदले में सोने चांदी के जेवर दे दूंगा ! संत ने कहा यदि वह न माने तो ? राजा ने कहा तो मैं उसे अपना आधा राज्य दे दूंगा ! संत ने कहा इतने पर भी वह न माने तो तब राजा ने कहा प्राण बचाने की खातिर सारा राज्य दे दूंगा ! तब संत ने कहा अब तुम समझे कि राज्य एक लोटा पानी के बराबर भी मूल्यवान नहीं है इसलिए धन वैभव पर मत अकड़ो, मनुष्य का जीवन परोपकार के लिए ही मिला है इसलिए जितना संभव हो खुशियां बांटो और दूसरों के दुखों को दूर करो । कुमारी रूचिकुमारी , ईशा आर्य ‘ कुमारी कौशिकी रानी, श्रीमती मुन्नी देवी एवं श्रीमती कमलेश देवी ने भजन गाए । श्रीमती ज्योति रानी,श्रीमतीसंतोष कुमारी,श्रीमती भावना रानी,विश्वजीतआर्य,विपनेश आर्य, किशनपाल आर्य राकेशआर्य,हरपाल सिंह आदि मौजूदरहे