। **//////**///// उझानी बदांयू 10 अगस्त । बारिश के मौसम में मच्छरों से देसी तरीके से बचने के लिए लोग कई तरह के पौधे खरीद रहे हैं। घर की छत और बालकनी में इसको रखने से लुक तो बदलते ही हैं, साथ ही मच्छर भी नहीं लगते। नर्सरियों में इन पौधों की मांग बढ़ गई है।
बरसात का मौसम शुरू होते ही मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है। जिसमें मच्छर डेंगू, मलेरिया और येलो फीवर जैसी गंभीर बीमारियों के ज्यादा मरीज देखने को मिलते है।
अब लोग मच्छरों से निजात पाने के लिए नेचर का सहारा ले रहे है। नर्सरियों में 6 तरह के औषधि के पौधे खरीदने के लिए लोग पहुंच रहे है। खूबसूरत पौधों के साथ ना सिर्फ घर में मच्छरों को आने से रोकेंगे बल्कि ये आपके घर की रौनक भी बढ़ाएंगे।
लेमन ग्रास- इस पौधे को लगाने से उसकी सुगंध से मच्छर आपके पास घर में नहीं आएंगे। लेमन ग्रास के पौधे का इस्तेमाल मच्छर भगाने वाली कई दवाओं में भी किया जाता है। इसकी खुशबू एक तरफ जहां मूड फ्रेश करने का काम करती है वहीं इसकी खुशबू से मच्छर दूर भागते हैं।
लैवेंडर- मच्छरों को दूर भगाने के लिए जिस मॉस्किटो रिपेलेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें भी लैवेंडर ऑयल मिलाया जाता है। लैवेंडर अपके घर को महकाने के साथ मच्छरों को भी दूर रखेगा।
सिट्रोनेला ग्रास- सिट्रोनेला ग्रास को भी मच्छर भगाने में प्रयोग किया जाता है। ये पौधा 2 मीटर तक बढ़ता है। इस ग्रास से निकलने वाले ऑयल का इस्तेमाल मोमबत्तियों, परफ्यूम्स और कई हर्बल प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है।
कैटनिप- इस पौधे का इस्तेमाल कई तरह की आयुर्वेदिक औषधि बनाने में भी किया जाता है। घरों से मच्छर भगाने में इसकी मांग नर्सरियों में ज्यादा है। इस पौधे की खासियत यह है कि यह हर मौसम में लगाया जा सकता है।
हॉर्समिंट- इस पौधे को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है। इनका इस्तेमाल भी कई तरह दवाओं में किया जाता है। घर में इसे लगाने से मच्छर घर में नही रहते है। इसकी पत्तियां तेल का उत्पादन करती हैं जो मच्छरों और अन्य आक्रामक कीड़ों को रोकती हैं।
ऋषि – इसके पौधे की पत्तियों को सुखा कर जलाने से मच्छर नहीं आते है। इसकी पत्तियों से बग स्प्रे भी बनाया जाता है। इसकी देखरेख में विशेष ध्यान दिया जाता है।
इस बार औषधि के पौधे की मांग ज्यादा आ रही है। कई पौधे हमारे पास नहीं है, जिसके ऑर्डर पर ही लाया जा रहा है। मच्छर भगाने वाले पौधे लेने के लिए लोग रोज आ रहे है। – ज्ञानसिंह पोंधे विक्रेता।
******राजेश वार्ष्णेय एमके