वेद कथा का द्वितीय दिवस
बिल्सी, यज्ञतीर्थ गुधनी में चल रहे वेद कथा के द्वितीय दिवस वेद कथा का आचार्य संजीव रूप ने कहा *बोलने से पहले तोलना जरूरी है ! वाणी ही एकमात्र ऐसी वस्तु है जिसका सदुपयोग करने से हम विजयी,स्वस्थ व सुखी हो जाते हैं और दुरुपयोग करने पर पराजित, रोगी और दुखी हो जाते हैं ! उन्होंने कहा कि भगवान चाहता है कि हम सब विनम्र बनें, छोटी-छोटी बातों पर बुरा मान जाना और गलत व्यवहार करना हमारे नास्तिकपने की निशानी है । यदि कोई गाली देता हैयह हमारा अहित करता है तो समझो वह रोगी है बीमार है । प्रेम रुपी औषधि से हम उसकी चिकित्सा कर सकते हैं और उसे एक सदाचारी इंसान बन सकते हैं । उन्होंने वेद मंत्रों की व्याख्या करते हुए कहा *धार्मिक वही है जो लोगों की दुआ लेता है और बुरा करने वालों को भी दुआ देता है.. । कथा से पूर्व मास्टर साहब सिंह, ईशा आर्य , कौशिकी रानी ने भजन गाए । कथा में ओमवीर ,किशनपाल आर्य,विश्वजीत आर्य डॉ विनीत कुमार सिंह ,श्रीमती ज्योति रानी, गोपाल उपाध्याय,अनुज कठेरिया,सुखवीर सिंह , मनोज श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे