7:54 am Friday , 31 January 2025
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राज्य कर्मचारियों को दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए मिलेंगे पुरस्कार

बदायूँ 08 अगस्त। राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश लखनऊ के सभापति पुरस्कार समिति डा0 अखिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश के राज्यकर्मियों की प्रख्यात साहित्यिक संस्था है। उत्तर प्रदेश शासन की योजना के अन्तर्गत राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश के राज्यकर्मियों को देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली प्रदेश की भाषाओं बोलियों में मौलिक एवं दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा के लिए पुरस्कार प्रदान किये जाने हैं। इस हेतु निर्धारित प्रारूप में ऑनलाइन फार्म दिनांक 15 सितम्बर तक भर दें तथा पुस्तको सहित 22 सितम्बर तक प्राप्त हो जाना चाहिए। सभी पुरस्कारों की धनराशि रुपये एक-एक लाख होगी।
उन्होंने बताया कि संस्था का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश की देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली भाषाओं/बोलियों, उर्दू भाषा (फारसी लिपि में) के साहित्य की समृद्धि प्रभार एवं राज्य कर्मियों में साहित्यिक अभिरुचि उत्पन्न करना है। हिन्दी/उर्दू ग¬द्य/पद्य में सूजनात्मक साहित्य के अतिरिक्त यात्रा वृत्तात आत्मकथा जीवनी संस्कृति संस्मरण विद्वान् पर्यावरण, अद्यावधिक विषय, आलोवनात्साह साहित्य, भूगोल इतिहास दर्शन पौराणिक, शिक्षा एवं वित्त से सम्बन्धित पुस्तके या अन्य भाषा में लिखी गयी उपयोगी पुस्तकों का हिन्दी/उर्दू में किये गये अनुवाद की पुस्तकें भी पुरस्कार हेतु विवरणीय होगी।
उन्होंने बताया कि राज्यकर्मी साहित्यकारों को अपनी प्रविष्टि सचिव पुरस्कार समिति’, ’राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान’, कक्ष सं०-119 व, भूतल, निकट गेट सं०-१ उत्तर प्रदेश सचिवालय, हपारतगंज, लखनऊ-226001, के पते पर भेजनी है। इस हेतु निर्धारित प्रारूप में ऑनलाइन फार्म दिनांक 15 सितम्बर 2024 तक भर दें एवं प्रविष्टियों प्रतियों में ऑनलाइन फार्म के प्रिंटआउट तथा पुस्तको सहित दिनांक 22 सितम्बर, 2024 तक प्राप्त हो जाना बाहिए। पुसकार दिये जाने की संख्या व प्रकृति में पुरस्कार चयन समिति का निर्णय अंतिम होगा।