वेद कथा का प्रथम दिन
बिल्सी, तहसील क्षेत्र के यज्ञ तीर्थ गुधनी में स्थित आर्य समाज मंदिर में सात दिवसीय वेद कथा का आज शुभारंभ हुआ । अंतर्राष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने वेद कथा का शुभारंभ किया । उन्होंने वेद मंत्रों की व्याख्या करते हुए बताया कि यह ब्रह्मांड कैसे बना ! उन्होंने बताया कि जब परमेश्वर ने सृष्टि की रचना कर दी तब जीव जंतुओं और मनुष्यों को संकल्प सृष्टि से उत्पन्न किया । तथा 5 वर्ष बाद चार ऋषियों अग्नि वायु आदित्य और अंगिरा के हृदय में वेद का ज्ञान दिया क्योंकि बिना ज्ञान के मनुष्य पशु समान ही थे । चार ऋषियों के मुख से वेद का ज्ञान जब निकला तो ब्रह्मा नामक ऋषि ने उन्हें अपने मस्तिष्क में धर लिया और सबको सुनाने लगे तब मनु भगवान ने मनुष्यों के लिए वेद के अनुसार रहना सिखाया और संविधान बनाया । इस तरह यह दुनिया चलने लगी । वेदों में भगवान ने बताया कि संसार में कैसे रहना है । आचार्य संजीव रूप नेकहा किय दिमनुष्यों को तीन काम आ जाएं तो संसार में कहीं दुख कष्ट और अशांति ना होवे । तीन बातें हैं कहना आ जाए, सहना आ जाए और दुनिया में रहना आ जाए । कुमारी ईशा आर्य ने सुंदर भजन सुनाए । कथा का शुभारंभ मास्टर साहब सिंह राकेश आर्य ने दीप प्रज्वलित करके किया । कथा में श्रीमती मुन्नी देवी, श्रीमती कमलेश , श्रीमती संतोष कुमारी , दुर्वेश कुमार सिंह ,जयप्रकाश ,विश्वजीत पाल कृष्ण पाल आर्य आदि मौजूद रहे ।