बदायूं में नहीं मिल रहीं एनसीईआरटी की किताबें, पुरानी से चला रहे काम।
उझानी बदायूं 3 अगस्त।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पूरा पाठ्यक्रम बाजार में आसानी से मुहैया नहीं हो रहा है। जबकि नया शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो गया था। एक जुलाई से विधिवत कक्षाएं चल रही हैं। इसके बावजूद कक्षा नौ व दसवी व 11 की किताबों के पूरे पाठ्यक्रम का सेट बाजार में ढूंढे नहीं मिल रहा है। मजबूरी में छात्र-छात्राओं को निजी प्रकाशकों की एनसीईआरटी आधारित महंगी किताबें खरीदनी पड़ रही हैं। कुछ छात्र-छात्राएं पुरानी किताबों से काम चला रहे हैं।माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाने को कहा है। परिषद ने इसके लिए प्रकाशक व रेट सूची भी जारी की है। इसका उद्देश्य अभिभावकों को महंगी किताबें खरीदने से बचाने के अलावा उच्च शिक्षण गुणवत्ता बनाए रखना है। प्रकाशकों की मनमानी से अभिभावकों को धरातल पर राहत नहीं मिल पा रही है। प्रकाशकों की ओर से पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति नहीं होने से अभिभावकों को किताबें क्रय करने में 800 से एक हजार रुपये अधिक खर्च करने पड़ रहे हैं। अभिभावकों को कक्षा नौ के लिए एनसीईआरटी की तरफ से मात्र 363 रुपये में मिलने वाला किताबों का सेट 1095 रुपये में, वहीं दसवीं कक्षा की किताबों का सेट 452 रुपये की जगह 1280 रुपये में खरीदना पड़ रहा है। यही हाल कक्षा 11 व 12 का भी है। नए शैक्षिक सत्र को चार माह बीत जाने के बावजूद बाजार में एनसीईआरटी की किताबें ढूंढे नहीं मिल रही हैं।
कक्षा 11 के छात्र हर्ष वार्ष्णेय ने बताया कि इस बार एनसीईआर किताबों का संकट है। छात्र पुरानी किताबों से ही काम चला रहे हैं कक्षा नौ के छात्र राहुल ने बताया कि स्कूल की ओर से शासन से अधिकृत एनसीईआरटी की किताबें खरीदने की बात कही गई है। शहर के साथ आसपास के बाजारों में अधिकृत किताबें नहीं मिलीं। 10वीं के छात्र सत्यम ने बताया कि कई दुकानों पर किताबें देख चुके हैं, लेकिन किताबें नहीं मिली हैं।
विद्यार्थियों को निर्धारित एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों से शिक्षित किया जा सके इसके लिए कोशिश की जा रही है। प्रकाशकों को पत्र भेजकर पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति कराने को कहा गया है। डाॅ प्रवेश कुमार, डीआईओएस।
राजेश वार्ष्णेय एमके