सहसवान ( बदायूं )सावन मास की शिवरात्रि पर शुक्रवार को मुख्य जलाभिषेक किया और इसके लिए सहसवान के मंदिरों में कांवड़ियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। हर जगह कई खास इंतजाम किए गए हैं, जिससे हर तरह रौनक देखने को मिल रही है। कांवड़ियों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए वॉलंटियर भी नियुक्त किए गए हैं।
सावन मास की शिवरात्रि 2 अगस्त दिन शुक्रवार को है। सावन में शुरू हुई कांवड़ यात्रा शुक्रवार को जलाभिषेक के साथ संपन्न हो गई। ऐसे में अब कांवड़िए अपने घरों के पास तक पहुंचने लगे हैं। कछला से लेकर सहसवान तक की सड़कों पर भी कांवड़िये काफी संख्या में नजर आए। सहसवान के हर मोहल्ले से एक डीजे और उनके कावड़िया साथ रहे जैसे सैफुल्लागंज, गोपालगंज, जहांगीराबाद, मोहद्दीनपुर, अकबराबाद, शहबाजपुर, नयागंज, सहसवान बजरिया, के सभी मोहल्ले से लगभग एक-एक डीजे के साथ कछला से सहसवान तक कांवड़ियों का सफर सुबह 4am से 10am बजे तक कई जगहों पर कांवड़िये अब रात भर चलते नजर आ रहे हैं। शहर के ज्यादातर मंदिरों में कांवड़ शिविर लगाए गए हैं। यहां पर अब पूरी रात धार्मिक आयोजन हो रहे हैं और रौनक बढ़ गई है।
कांवड़ियों की वजह से हर-हर महादेव का नारा लगाए जा रहे हैं, जिससे पूरा वातावरण शिव भक्ति में डूब गया है। वहीं कांवड़िये जब अपने घर के पास पहुंच रहे हैं, तो उनसे मिलने के उनके परिजन मंदिर में ही पहुंच रहे हैं। मान्यता के अनुसार जब तक कांवड़िये जलाभिषेक नहीं कर देते, वह अपने घर नहीं जाते और कांवड़ शिविरों में ही रहते हैं। यही वजह है कि कांवड़ शिविरों में कांवड़ के साथ अब परिजनों की भीड़ भी दिखाई दे रही है। कई जगहों पर अंदरूनी सड़कों पर भी ट्रैफिक पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग कर कांवड़ियों के लिए सुरक्षित रास्ता बनाया गया है। वहीं कांवड़ियों से भी अपील की जा रही है कि वह अपनी लेन में ही चलें। हालांकि जो कांवड़िये बड़ी-बड़ी कांवड़ लेकर आ रहे हैं, उनके लिए लेन में चलना संभव नहीं हो पा रहा है।
डाक कांवड़ की बढ़ रही है संख्या
कई जगहों पर अब डाक कांवड़ भी दिख रही है। इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बार डाक काबर कोई 11 किलो जल 21 किलो जल 51 किलो तक जल लेकर सहसवान में आए हैं जहां शिव भक्तों ने अपनी मान्यता अनुसार अपने अपने मोहल्ले के मंदिरों में चढ़ाये है डाक कांवड़ के तहत कांवड़ को जमीन पर नहीं रखा जाता। यही वजह है कि इसे लेकर आने के लिए एक पूरी टोली निकलती है। इस टोली से एक व्यक्ति कांवड़ लेकर चलता है और अन्य ट्रक में बैठे रहते हैं। जब व्यक्ति थक जाता है तो वह दूसरे व्यक्ति को आने का इशारा करता है और यह दूसरा व्यक्ति कांवड़ लेकर चलने लगता है सावन मास में कावर यात्रा को सुरक्षित बनाने में पुलिस प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
रविचौहान