उझानी बदायूं 28 जुलाई। सावन के दूसरे सोमवार को लेकर कांवड़ियों के जत्थे चल रहे हैं। उनके हृदय में शिव और मुंह पर हर-हर, बम-बम के जयकारे हैं। बिना थके और बिना रुके आस्था में सराबोर कांवड़िये लंबी यात्राएं कर रहे हैं।
श्रावण मास में कांवड़ से गंगाजल लाकर अपने देवस्थानों, शिवालयों और मंदिरों में चढ़ाने की परंपरा है। गंगा घाट कछला मोक्षदायिनी से प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों के कांवड़िए आस्था से सरावोर होकर लंबी यात्राएं करते हैं। इसके बाद अपने देवस्थानों पर जलाभिषेक कर पुण्य कमाते हैं।
पीलीभीत , लखीमपुर-खीरी, बदायूं, बरेली, पूरनपुर,के लाखों भक्त कांवड़ लेकर वर्तमान में यात्राएं कर रहे रहे हैं। इनको जगह-जगह शिविर लगाकर लोग सुविधाएं दी जा रही हैं। कांवड़ियों की कहना है कि मां गंगा में ऐसी शक्ति है कि कांवड़ कंधे पर रखने के बाद थकान दूर हो जाती है और यात्रा का आनंद ही अलग होता है।
गंगाघाट कछला से शनिवार की सुबह कांवड़ लेकर निकले हैं। अपने देवस्थान पर श्रद्धाभाव से जलाभिषेक कर पुण्य कमाएंगे।
शिवसिंह, बदायूं।
कांवड़ यात्रा आस्था के साथ की जाती है। जब चलते हैं तो भगवान शिव का स्मरण करके निकलते हैं। इससे थकान महसूस नहीं होती।
रामू पीलीभीत।
कांवड़ यात्रा मार्गों पर घूमते रहें जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट
कांवड़ यात्रा मार्गों पर निकलते हुए डीएम एसएसपी ने कांवड़ियों से बात कर व्यवस्थाएं पूछीं। वहीं, बनाए गए जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर घूमते रहें। कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मार्गाें पर बैरिकेडिंग इस प्रकार की जाए कि जनसामान्य को आवागमन में कोई परेशानी न हो।
कहा कि ट्रैफिक डायवर्जन पॉइंट पर उचित प्रकाश व्यवस्था कराई जाए। कांवड़ यात्रा मार्गाें पर पेयजल की व्यवस्था करें। शिविरों में भी साफ-सफाई पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जनपद मे सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही।**************** राजेश वार्ष्णेय एमके