विश्व हिन्दी परषद द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन दिल्ली में देश विदेश के प्रतिभागियों के साथ पढ़ा अपना शोध-पत्र’ अरविंद और मानव मूल्य’ विषय पर संघटक राजकीय महाविद्यालय सहसवान की असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने।
विश्व हिन्दी परषद द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन दिल्ली में देश विदेश के प्रतिभागियों ने युग पुरुष श्री अरविंद हिन्दी भाषा और विकसित भारत विषय पर आयोजित सम्मेलन में प्रतिभागिता की ।
संघटक राजकीय महाविद्यालय सहसवान की असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने अपना शोध-पत्र वाचन किया। शोध-पत्र वाचन में विषय श्री अरविंद और मानव मूल्य विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा आज आवश्यकता है अरविंद के द्वारा बताए जीवन दर्शन को अपनाने की ।वह झब कहते थे बच्चा अपना कार्य करते उठना व चलना सीख जाता है। इसके लिए अरविंद ने अपने आश्रम में प्रेस लगायी थी जिससे हर भाषा का ज्ञान अर्जित किया जा सके और वह आत्मनिर्भर बन सके।
जोधपुर राजस्थान से डॉ सूरज माहेश्वरी, दंत चिकित्सक ने शोध-पत्र वाचन के बाद काव्यपाठ भी किया। राजस्थान से सुनीता भी रही।
कार्यक्रम संयोजक डॉ संध्या सारस्वत , श्री विकास बाबू रहे।
मिजोरम के महामहिम राज्यपाल माननीय हरी बाबू जी,
संचालन कर रही शंकुतला जी ने मन मोह लिया। डॉ योजना कालिया ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ सभी शोध-पत्र की समीक्षा की । कार्यक्रम में हिन्दी छायावादी कविता के प्रवर्तक महाकवि जयशंकर प्रसाद जी की प्रपौत्री सुश्री. कविता विजय शंकर प्रसाद की भी उपस्थिति रही।