24 जुलाई को आसमान में अद्भूत नजारा देखने को मिलेगा। इसे शनि का चंद्र ग्रहण का नाम दिया जा रहा है। साइंस में शनि के चंद्रग्रहण की इस घटना को ‘लूनर ऑकल्टेशन ऑफ सैटर्न’ का नाम दिया गया है। इसमें चंद्रमा जो 80 फीसदी चमकेगा और उस समय शनि अपनी कुंभ राशि में होंगे, शनि को अपने पीछे छिपा लेगा। इसके बाद आपको सिर्फ शनि के छल्ले यानी वलय ही देखने को मिलेंगे। आपको बता दें कि ऐसी घटनाएं हर 18 महीने में होती हैं। इस घटना को देखने के लिए लोगों ने खास तैयारियां कर ली है।यह भारत के कई शहरों में दिखाई देगा। यह नजारा भारत के अलावा अलग-अलग समय पर श्रीलंका, म्यांमार, चीन और जापान में भी देखा जा सकेगा।
टाइम
24 जुलाई की रात 1:44 बजे चंद्रमा शनि ग्रह को अपने पीछे पूरी तरह छिपा लेगा।
2:25 बजे शनि ग्रह चंद्रमा के पीछे से निकलता हुआ नजर आएगा।
क्या है ऑकल्टेशन
आपको बता दें कि इस प्रक्रिया को ऑकल्टेशन कहते हैं, जिसमें एक खगोलीय ग्रह का दूसरे के सामने से गुजरना, जिससे दूसरा उसके पीछे छिप जाता है। साधारण भाषा में कहें तो चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। कई बार यह किसी ग्रह या तारे को अपने पीछे छिपा लेता है। इस प्रक्रिया को आकल्टेशन कहते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण भी एक तरह का आकल्टेशन ही है, जिसमें चांद पूरी तरह से सूर्य को अपने पीछे छिपा लेता है।