4:39 am Friday , 31 January 2025
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केन्द्रीय बजट–इस बार बजट हो हर किसी के लिए खास, टैक्स छूट की लगाए हुए हैं आस


इस बार के बजट में टैक्स स्लैब रेट्स में संशोधन की उम्मीद की जा रही है, जिससे मध्यम आय वर्ग के व्यक्तियों के लिए टैक्स का बोझ कम हो सके। दरअसल मध्यम वर्ग टैक्स से काफी प्रभावित होता है, अब देखना होगा कि सरकार उनके भरोसे पर खरी उतरती है कि नहीं?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वर्ष 2024 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। केंद्र सरकार की तीसरी पारी का यह पहला बजट होगा। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों के साथ ही आम लोगों ने भी इस बजट से तमाम उम्मीदें लगा रखी हैं। सरकारी कर्मचारियों को जहां टैक्स में छूट की उम्मीद है, वहीं पर कारोबारी भी बजट में तमाम सहूलियतें चाह रहे हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि इस बार का बजट किन लोगों की उम्मीद पर खरा उतरने वाला है।

इस बार के बजट में टैक्स स्लैब रेट्स में संशोधन की उम्मीद की जा रही है, जिससे मध्यम आय वर्ग के व्यक्तियों के लिए टैक्स का बोझ कम हो सके। दरअसल मध्यम वर्ग टैक्स से काफी प्रभावित होता है, अब देखना होगा कि सरकार उनके भरोसे पर खरी उतरती है कि नहीं? नई टैक्स व्यवस्था के तहत अधिकतम अधिभार दर वर्तमान में 25% की गई है, जो पिछले टैक्स स्ट्रक्चर में 37 प्रतिशत से काफी कम है। यह संभव है कि नई टैक्स व्यवस्था में प्रदान किए गए लाभों को पुराने टैक्स व्यवस्था में भी शामिल किया जाएगा।

यदि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 80 सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाती हैं तो इससे भी मिडिल क्लास को काफी राहत मिलेगी। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श हो सकता है।
*बजट से हमें हैं ये उम्मीदें*
इस बार टैक्स के छूट पर मेरी नजर है। क्योंकि वित्त मंत्री टैक्स के छूट को बढ़ाती हैं तो इससे सरकारी कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी।-नितिन सिंह।
इस बार के केंद्रीय बजट में पुरानी टैक्स व्यवस्था को लेकर बड़े बदलाव की उम्मीद है। इसमें आयकर की छूट सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना, शामिल हो सकता है।-देवेन्द्र सिंह ।
कुल मिलाकर बजट इस प्रकार होना चाहिए जिससे महंगाई को भी राहत मिले सरकार के पास बजट में तमाम योजनाएं होती है जिससे महंगाई पर कंट्रोल किया जा सकता है।-कुबेर सिंह नरऊ।
भले ही सरकार लग्जरी वस्तुओं की कीमत बढ़ा दें, मगर रसोई से संबंधित चीजों को नहीं बढ़ना चाहिए, इससे महंगाई बढ़ती है। महावीर सिंह नरऊ।

महिलाओं को घरेलू खर्चों से रोज जूझना पड़ता है। रसोई की तमाम ऐसी वस्तुएं होती हैं, जिन्हें उन्हें खरीदनी पड़ती हैं। ऐसे में बजट रसोई महंगी करने वाला कतई नहीं होना चाहिए।-शैली गुप्ता,
बजट के समय तमाम ऐसी चीज महंगी हो जाती हैं, जिससे महिलाओं को महंगाई से जूझना पड़ता है। इस बार के बजट से उम्मीद है कि सरकार महंगाई पर रोक लगाएगी।-अंजलि वार्ष्णेय, सम्पादक-सुशील धींगडा।