।***////** उझानी बदायूं 18 जुलाई भारत में खाने-पीने की चीजों में मिलावट और नकली बनाने की खबरें अब आम हो गई हैं। व्यापारी ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता पर नजर रखने वाली देश की सबसे बड़ी संस्था भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के दिशा-निर्देशों की खाद्य विभाग की मेहरबानी से खुले आम धज्जियां उड़ाते हैं।
खाद्य विभाग की मेहरबानी से नगर में नकली व सिंथेटिक पनीर खुले आम बिक रहा है। मिलावटी पनीर खाने से आपको पेट से जुड़ी समस्याएं, फूड पॉइजनिंग, एलर्जी, इम्यून सिस्टम का कमजोर होना और यहां तक कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा हो सकता है। नकली पनीर कैसे बनाते हैं धंधेबाज *
इसे बनाने के लिए कई तरह के रसायन इस्तेमाल किए जा सकते हैं जैसे – यूरिया, कोलतार डाई, डिटर्जेंट, सफ्लरिक एसिड। इसमें असली दूध की जगह कई बार रिफाइंड गेहूं का आटा ( मैदा ) भी मिलाया जाता है। इसे बनाने के लिए दूध में बेकिंग सोडा मिलाया जाता है। फिर इस मिश्रण में पाम ऑयल या वनस्पति तेल मिलाया जाता है। आखिर में, इस मिश्रण में बेकिंग पाउडर डालकर किसी बर्तन में जमने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसे जमने के बाद ही पनीर की तरह बेचा जाता है।
नकली पनीर खाने से आपको बहुत है नुकसान
पनीर दुनिया भर में प्रचलित डेयरी उत्पाद है, मिलावटखोरों द्वारा इसमें कई तरह के रसायन मिलाकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जाता है।
मिलावटी पनीर में अक्सर स्टार्च या सिंथेटिक दूध मिलाया जाता है, जो पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। मिलावटी पनीर में मिलाए गए हानिकारक पदार्थ पेट की अंदरूनी परत में जलन पैदा कर सकते हैं। अशुद्ध पनीर खाने से बार-बार दस्त लग सकते हैं। मिलावटी पनीर खाने से जी मिचलाने और उल्टी,
फूड पॉइजनिंग जैसी समस्या हो सकती है।
मिलावटी पनीर बनाने में गंदे पानी और अस्वच्छ तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे पनीर में ई कोलाई और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया आ सकते हैं। इनकी वजह से ये लक्षण हो सकते हैं- बुखा , पेट में तेज दर्द, डिहाइड्रेशन आदि।
पनीर में मेंडिटर्जेंट और सिंथेटिक रसायन जैसी चीजें मिलाई जा सकती हैं। ये एलर्जिक रिएक्शन पैदा कर सकती हैं, जिनसे आपकी त्वचा पर लाल चकत्ते, सांस लेने में तकलीफ, सूजन जोकि होठों, जीभ और गले में हो सकती है।
मिलावटी पनीर में यूरिया या सिंथेटिक दूध जैसी चीजें मिलाई जा सकती हैं। ये किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं और लंबे समय में गंभीर परेशानी पैदा कर सकती हैं इससे किडनी में दर्द, पेशाब कम होना और शरीर में तरल पदार्थ जमा होना जिससे सूजन हो सकती है।
नियमित रूप से मिलावटी पनीर खाने से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है और आपके बीमार होने का खतरा बढ़ सकता है। कुछ मिलावटखोर पनीर में फॉर्मलडिहाइड जैसे रसायन मिलाते हैं, जो कैंसरकारी होते हैं। लंबे समय तक ऐसी चीजों का सेवन शरीर में कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
ऐसे करे मिलावटी पनीर की पहचान कैसे करें
FSSAI ने इसके लिए कुछ आसान तरीके बताए हैं। पहला, एक पैन लें और उसमें पनीर को उबालें। उबले हुए पनीर में आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें डालें। अगर पनीर का रंग नीला हो जाता है, तो ये मिलावटी है। अगर पनीर का रंग वही रहता है, तो समझिए वो असली है। ध्यान दें- यह टेस्ट सिर्फ स्टार्च की मिलावट पता लगाने में कारगर है।
दूसरे तरीके के अनुसार, उबले हुए पनीर को पानी में ठंडा होने दें। इस पानी में थोड़ी सी तुअर दाल डालें और 10 मिनट तक रखें। अगर पानी का रंग हल्का लाल हो जाता है, तो हो सकता है पनीर में मिलावट हो। अगर पानी का रंग नहीं बदलता है, तो आप बेझिझक अपना पनीर इस्तेमाल कर सकते हैं। ये टेस्ट सिर्फ रंग की मिलावट पता लगाने में कारगर है।
तीसरे तरीके के अनुसार, जब आप पनीर खरीदते हैं, तो सबसे पहले आप इसे सूंघकर (खट्टा नहीं होना चाहिए) देख सकते हैं। अगर पनीर खुला हुआ बिक रहा है, तो आप इसका एक टुकड़ा चख कर देख सकते हैं। असली पनीर का स्वाद दूध जैसा और नरम होना चाहिए। अगर पनीर चबाने में बहुत कठोर या रबर जैसा लगे, तो उसे खरीदने से बचना चाहिए। इन टेस्टों के अलावा पनीर को देखकर भी आप अंदाजा लगा सकते हैं। असली पनीर का रंग सफेद या हल्का पीला होता है। उसमें दरारें नहीं होती हैं और छूने में वो नरम व ठोस लगता है। राजेश वार्ष्णेय एमके।