Vandana
#दोस्ती
ऐसी तन्हा थी जिंदगी मेरी
जीवन की कठिनाइयों में उलझी हुई
यूं ही अंजानी राहों में थी बिखरी हुई
यूं ही बिखर जाती मैं अगर तुम न मिलते
दिलों में #दोस्ती के फूल जो न खिलते
सुख हो दुख हो हर पल तुम साथ रहे
मेरी डूबती नैया के तुम इकलौते खेवनहार रहे
#अनकहे_अल्फाज
#वंदना