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लगातार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने से शाहजहांपुर शहर भी बाढ़ की चपेट में आ गया। शहर के 20 से अधिक मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया। मेडिकल कालेज में तीन फुट पानी भरने से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के, हजारों लोग इससे प्रभावित हुए हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए सेना की मदद लेनी पड़ी। वहीं, एनडीआरएफ ने भी मोर्चा संभाला।
बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बिजली का संकट खड़ा हो गया। वहीं, लोग छतों पर आसरा लिए हुए हैं, वे खाने को भी तरस रहे हैं। हालांकि प्रशासन बाढ़ पी़ड़ितों की हर संभव मदद का दावा कर रहा है।
शाहजहांपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गर्रा और खन्नौत नदियों का पानी बुधवार को शहर में घुस गया। यह शहर इन्हीं दो नदियों के बीच बसा हुआ है। मंगलवार रात अचानक जलस्तर में वृद्धि हुई। इससे अक्षरधाम कॉलोनी में पानी भर गया। रात में यहां के 25 परिवारों को किसी तरह निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
सुबह होते होते ब्रजविहार, लोधीपुर, दलेलगंज, ख्वाजा फिरोज, हनुमतधाम, इंदिरानगर, हयातपुरा आदि मोहल्लों के सभी मकान पानी के घिर गए। सेना की स्थानीय मद्रास रेजिमेंट और एनडीआरएफ की टीमों ने पुलिस व पीएसी के जवानों की मदद से नाव और स्टीमर से करीब दो हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
शाहजहांपुर की तिलहर तहसील क्षेत्र के गांव घनश्यामपुर, चितीबोझी, बिहारीपुर, अजमाबाद और रटा में भी घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। उधर, बदायूं जिले में गंगा के जलस्तर में बुधवार को कमी आई, मगर रामगंगा और अरिल नदी में उफान आ गया। दातागंज तहसील के 70 गांव और करीब एक लाख लोग प्रभावित हो गए है।
बरेली में रामगंगा नदी उफान पर।
बरेली में रामगंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। बीते चार दिनों में जलस्तर में दो मीटर बढ़ोतरी दर्ज हुई है। नदी जलस्तर 161 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे 300 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।