बदायूँ :10 जुलाई। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना पर ड्राप मोर क्राप अदर (इन्टरवेंशन उपघटक) के अन्तर्गत प्रदेश में वर्षा जल संचयन हेतु खेत तालाब योजना के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं, जहां एक ओर योजना से किसानों को फायदा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर कृषि को बढ़ावा मिल रहा है और जल संचयन व सम्वर्द्धन भी हो रहा है। विकास खण्ड उझानी के ग्राम भवानीपुर के कृषक ईश्वरी पाल को मिले योजना के लाभ से उनका आर्थिक व सामाजिक स्तर बढ़ा है।
कृषक ईश्वरी पाल ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों हितार्थ अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही हैं। कृषकों को आगे आकर योजनाओं का लाभ लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि भूमि संरक्षण विभाग की खेत तालाब योजना एक महत्वपूर्ण योजना है। उन्होने योजना का लाभ निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से मिलने पर मा0 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश का आभार व्यक्त किया।
कृषक ईश्वरी पाल ने बताया कि उनके पिता ठाकुर दास के खेत पर 22 बाई 20 बाई 3 मीटर तालाब का निर्माण कराया गया है जिसमे पानी रोकने की क्षमता 1320000 लीटर है। तालाब बनने से भूगर्भ जलस्तर में सुधार हुआ है तथा जल को संचित कर उसे सिंचाई के लिए उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा तालाब मे मछली पालन का कार्य किया जा रहा है जिससे उसे प्रतिवर्ष 125000 रूपये की आमदनी हो रही है। कृषक एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा तालाब पर फलदार पौधों का रोपण भी किया गया है जिससे उन्हें भविष्य में फलों से भी अतिरिक्त आय प्राप्त होगी तथा तालाब पर उपयुक्त छाया रहेगी।
भूमि संरक्षण अधिकारी सतीश यादव ने बताया कि जनपद में प्रायः देखा गया है कि असमान वर्षा होती है तथा वर्षा जल की अप्रवाह अत्यधिक होने के कारण अधिंकाश जल बहकर नदी एवं नालों मे चला जाता है तथा जल के साथ मृदा भी कटकर चली जाती है जिससे उपजाऊ भूमि का क्षरण भी अधिक होता है। भूगर्भ जलस्तर भी नीचे गिरता जा रहा है। जिससे सिंचाई की समस्या के साथ-साथ पेयजल की भी समस्या गंभीर होती जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस वर्षा जल का अधिक से अधिक मात्रा में खेत तालाब के माध्यम से संचयन करके संचित जल से अधिकाधिक क्षेत्रों की सिंचाई करते हुए अधिक उत्पादन भी प्राप्त किया जा सकता है साथ ही जानवरों के लिए पेयजल की सुविधा प्राप्त होती है एवं भूगर्भ जलस्तर भी बढेगा।