सिकंदराराऊ में 2 जुलाई के समागम में मची भगदड़ में 123 लोगों की जान चली गई, लेकिन भक्तों की जुबां पर अब भी बाबा का गुणगान है। मैनपुरी के साथ-साथ गैर जिलों से लोग बिछवां स्थित साकार विश्व हरि के आश्रम पर नमन कर रहे हैं। उनका दावा है कि साकार हरि परमात्मा हैं और वह जो चाहेंगे वह कर देंगे।
सिकंदराराऊ में हुए हादसे में बचने वाले लोग भी यहां पहुंचकर साकार हरि को धन्यवाद दे रहे हैं। नारायण साकार हरि के समागम में न जाने कितने घरों के चिराग बुझ गए और कितनों के सिर से मां का साया उठ गया। जिस किसी ने सिकंदराराऊ और एटा के अस्पताल में लाशों का भयावह मंजर देखा उसकी रूह तक कांप गई।
लेकिन बाबा पर विश्वास की पट्टी के आगे साकार हरि के अनुयायी ये मंजर याद करने को तैयार ही नहीं हैं। यही कारण है कि बिछवां स्थित आश्रम पर लगातार बाबा के अनुयायी उन्हें नमन करने के लिए पहुंच रहे हैं।
शनिवार को एटा, बदायूं, बुलंदशहर और हाथरस से अनुयायी यहां पहुंचे। पुलिस ने आश्रम की तरफ जाने से रोका तो जीटी रोड पर ही सिर झुकाया और जमीन पर माथा टेककर नमन किया। इनमें से अधिकांश लोग ऐसे थे जो समागम के बाद हुई भगदड़ के दौरान भी मौजूद थे।
इसके बाद भी उन्हें घटना का कोई दुख या पश्चाताप नहीं है। वे साकार हरि को परमात्मा मानते हैं। उनका ये विश्वास इतना अडिग है कि वे इसके खिलाफ एक शब्द भी सुनने के लिए तैयार नहीं होते हैं।
बिछवां स्थित आश्रम पर पहुंचने वाले अनुयायी साकार विश्व हरि को साक्षात परमात्मा बताते हैं। बदायूं से आई एक महिला अनुयायी ने बताया कि बाबा सर्वशक्तिमान हैं, वह कुछ भी कर सकते हैं।
वह उन्हें नमन करने आई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें बाबा के दर्शन हुए तो उनका जवाब था कि उन्होंने आंखें बंद की और बाबा उनके सामने प्रकट हो गए। ये किसी एक महिला का नहीं बल्कि यहां आने वाले बाबा के हर अनुयायी का यही जवाब होता है।
साकार हरि के अनुयायियों का दावा है कि बाबा के पास अलौकिक शक्तियां हैं। बाबा जो चाहें कर सकते हैं। बदायूं से आई महिला अनुयायी राजश्री देवी का कहना था कि परमात्मा को सब पता रहता है। वे जब चाहें धरती पर प्रलय कर सकते हैं। जो लोग उन्हें मानव मान रहे हैं, वे जिंदगी की सबसे बड़ी भूल कर रहे हैं।