।***** उझानी बदायूं 20 जून 2024। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, व्रत एवं दान-पुण्य करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 21 जून, 2024 को सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर होगी, वहीं इसका समापन 22 जून 2024 को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून, शनिवार के दिन मनाई जाएगी, लेकिन इसका व्रत 21 जून को किया जाएगा।
ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी सांसारिक दुखों का नाश होता है और सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, व्रत रखने एवं दान-पुण्य करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। आप सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही या फिर चांदी का दान कर सकते हैं। माना जाता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वेदों के अनुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव अपनी पूर्ण कला से युक्त होते हैं जिसका प्रभाव सीधे व्यक्ति के मन और शरीर पर पड़ता है। इस दिन चंद्र पूजन
ओर सूर्योदय से पूर्व स्नान कर उगते सूर्य को जल देना चाहिए। इसके बाद मखाने की खीर,आटे की पंजीरी या शुद्ध घी से बने मिष्ठान्न का भोग लगाएं। पंडित प्रवीण शर्मा के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर श्री हरि के साथ लक्ष्मी पूजन करने से दरिद्रता का नाश होता है। यह भी कहते हैं कि इस व्रत को करने से धन, संपत्ति, सुख, वैभव में वृद्धि होती है। इस व्रत को गृहस्थ ही नहीं, अविवाहितों को भी करना चाहिए। राजेश वार्ष्णेय एमके/ अभिनव सक्सेना।