Vandana
राज की बात बताते हैं
अपने दिल से मिलवाते हैं
कितना प्यार है तेरे दिए
तुमको आज दिखाते हैं
तेरे सपनों में ही खोयी
रातों को मैं ना सोयी
मैंने अपनी सुध बुध खोयी
बनकर जोगन तेरे प्यार की
दिल की गलियों में भटकती हूं
तेरी याद में मैं हर पल खोयी रहती हूं