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सरकार चुनाव में व्यस्त, दाल में लगा महंगाई का तड़का- अरहर दाल में 40 रुपए किलो की तेजी, रसोई का बजट गड़बड़ाया

****** उझानी बदायूं 12 जून 2824। चुनाव निपटते ही ,रसोई पर महंगाई का असर दिखने लगा है। अरहर दाल में तड़का और सब्जी में छौंक लगाना भी महंगा हो गया है। जहां अरहर दाल में 40 रूपए की तेजी आई है वहीं जीरा के भाव एक माह बाद फिर साढ़े तीन सौ रुपए किलो पर आ गए हैं। एक माह पहले जीरा 250 रुपए तक बिका है। काली मिर्च, हल्दी भी महंगी हो गई है। मेवा के भाव भी बढ़ गए हैं। अरहर और चना दाल पर भी महंगाई छा गई है। बाजार में अब दालों के भाव में इजाफा होने लगा है।

अरहर की दाल फिर भाव खाने लगी है। बीते साल के मुकाबले ही इस साल इस दाल के भाव में 40 रुपए प्रति किलो की तेजी आई है। व्यवसायी इसके लिए कम पैदावार की वजह बता रहे है। 120 रुपए किलो बिकने वाली अरहर दाल अब 160 से 170 रुपए किलो हो गई है। जबकि चना दाल भी 20 रुपए महंगी होकर 90 रुपए किलो बिक रही है। मूंग दाल, उड़द दाल, मसूर दाल के भी दामों में 10 से 20 रुपए किलो की तेजी आई है।
गत वर्ष जीरे के भाव ने नया रिकार्ड बनाया था। इसके बाद औधे मुंह गिर गया था। बीते माह 250 रुपए किलो तक बिका जीरा अब महंगा हो गया है। खुले बाजार में यह अब 350 रुपए किलो बिक रहा है। काली मिर्च, बड़ी और छोटी इलायची, हल्दी भी महंगी हो गई है। थोक व्यापारियों ने बताया कि मखाना, काजू, चिरौंजी और किशमिश के भाव भी बढ़ गए हैं। यह माल की आवक रोकने और सट्टा बाजार की वजह से हो रहा है। काजू अब दो सौ से ढाई सौ रुपए और महंगा हो गया है।***** अब तो आलू प्याज भी रूलाने लगे।***/////* सब्जियों पर भी मंहगाई की मार जहां आलू 30 से 35 रूपए किलो तो प्याज भी 40 के पार पहुंच गई है, अगर मंहगाई के यही हालात रहे तो 2027 भी ख़तरे में नजर आएंगी। प्याज 1998 में दिल्ली में भाजपा की सरकार को रूला चुकी है।
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बाजार में हर खाद्य सामग्री महंगी हो गई है। सरकार चुनाव में लगी रही। महंगाई पर ध्यान नहीं दिया। इससे रसोई का बजट फिर से बिगड़ने लगा है।
सीमा सोलंकी, गृहिणी********
अरहर दाल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है। जीरा की तो हर सब्जी, दाल में जरूरत पड़ती है। गरीबों की रसोई का बजट बिगड़ रहा है। किसी का ध्यान नहीं है।
पूजा गृहिणी।*******राजेश वार्ष्णेय एमके

बदायूं सिटी माल का एक और कदम