11:28 am Friday , 31 January 2025
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वैज्ञानिकों ने बनाया धान थ्रेशर,अब खेत में ही निकाल सकेंगे चावल


**********/ बदायूं 9 जून।
धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है, देश के अधिकांश किसान खरीफ सीजन में धान की खेती करते हैं। ऐसे में किसान आसानी से कम लागत में धान से चावल निकाल सकें इसके लिए चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हरियाणा के वैज्ञानिकों ने धान थ्रेशर मशीन विकसित की है। विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह मशीन किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी।
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक और उपलब्धि को विश्वविद्यालय के नाम किया है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई ड्रायर, डी हस्कर और पश्वलिशर के साथ एकीकृत धान थ्रेशर मशीन को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय की ओर से पेटेंट मिल गया है। मशीन का अविष्कार महाविद्यालय के फार्म मशीनरी और पॉवर इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. मुकेश जैन, आईसीएआर के पूर्व एडीजी डॉ. कंचन के. सिंह और आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर सत्या की अगुवाई में किया गया। इस मशीन को भारत सरकार की ओर से इसका प्रमाण पत्र मिल गया है जिसकी पेटेंट संख्या 536920 है।

कुलपति प्रो.बी.आर. काम्बोज ने कहा कि विश्वविद्यालय को लगातार मिल रहीं उपलब्धियाँ यहाँ के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का ही नतीजा हैं। विकसित की गई इस नई तकनीक के लिये पेटेंट मिलने पर उन्होंने सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गौरव की बात है कि तकनीकों के विकास में सकारात्मक प्रयासों को विश्वविद्यालय हमेशा प्रोत्साहित करता रहता है। वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए उन्होंने भविष्य में भी इसी प्रकार निरन्तर प्रयास जारी रखने की अपील की।

उन्होंने कहा कि चावल लोगों के मुख्य खाद पदार्थों में शामिल है। अब किसान खेत में ही मशीन का उपयोग करके धान के दानों को फसल से अलग कर सकेंगे (भूरे चावल के लिए) और पॉलिश कर सकेंगे (सफेद चावल के लिये)। पहले किसानों को धान से चावल निकालने के लिए मिल में जाना पड़ता था। अभी तक खेत में ही चावल निकालने की कोई मशीन नहीं थी। अब किसान अपने घर के खाने लिए भी ब्राउन राइस (भूरे चावल) निकाल सकेंगे।
धान थ्रेशर की मुख्य विशेषताएँ, यह मशीन 50 एचपी ट्रैक्टर के लिए अनुकूल है। ड्रायर में 18 सिरेमिक इंफ्रारेड हीटर (प्रत्येक 650 वॉट) शामिल है। इस मशीन की चावल उत्पादन क्षमता 150 किलोग्राम प्रति घंटा तक पहुंच जाती है। मशीन की क़ीमत 6 लाख रुपये है।