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जानलेवा साबित हो रही लू, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताए इसके लक्षण और बचाव के उपाय

जानलेवा साबित हो रही लू, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताए इसके लक्षण और बचाव के उपाय।

बदायूं 2 जून। प्रदेश सहित देश के कई राज्य इन दिनों भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं। हीटवेव को सेहत के लिए गंभीर जोखिमों वाला माना जाता रहा है। अत्यधिक तापमान के संपर्क में आने से कई प्रकार से दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यहां तक कि ये जानलेवा भी साबित हो सकती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि हीटस्ट्रोक या लू के कारण हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है।

नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक मार्च से अबतक देश में हीटस्ट्रोक के 16 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए जबकि 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है। उच्च तापमान का सेहत पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकता है। ये मस्तिष्क की समस्याओं से लेकर किडनी-लिवर फेलियर तक के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है।

देश में बढ़ती गर्मी और इसके दुष्प्रभावों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर कुछ सुझाव दिए हैं जिनका पालन करके जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं कि बच्चों-युवाओं में हीट स्ट्रोक के क्या लक्षण होते हैं और इसके जोखिमों को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं ?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, हीटस्ट्रोक के लक्षणों को पहचानना और समय रहते इसका उपचार कराना आपकी जान बचा सकता है। चाहे वयस्क हों या बच्चे सभी लोग इसपर गंभीरता से ध्यान देते रहें। अगर आपको इनमें से दो-तीन लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

बच्चों में हीट स्ट्रोक के लक्षण।
खाने की इच्छा न होना, भूख न लगना।
अत्यधिक चिड़चिड़ापन।
मूत्र उत्पादन में कमी।
मुंह का सूखा रहना और आंसू न आना।
सुस्ती और कमजोरी बने रहना
हीट स्ट्रोक के कारण शरीर का तापमान 104 डिग्री से अधिक हो सकता है।

युवाओं-वयस्कों में हीट स्ट्रोक के लक्षण।
त्वचा में सूखेपन की समस्या होना। त्वचा अक्सर गर्म और लाल रहना।
शरीर का तापमान 104°F से अधिक बना रहना।
गंभीर सिरदर्द, चक्कर आना और बेहोशी
मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन
मतली और उल्टी
दिल की धड़कन का तेज होना

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, कई स्थानों पर दिन के समय तापमान 48 डिग्री के बीच बना हुआ देखा जा रहा है। इतनी तेज गर्मी शरीर के लिए कई प्रकार से गंभीर दुष्प्रभावों वाली हो सकती है। ऐसे तापमान के संपर्क में लंबे समय तक रहने से संभावित रूप से जानलेवा स्थितियों का खतरा हो सकता है जिसमें तत्काल आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत हो सकती है।

तेज गर्मी के कारण कुछ लोगों को चेतना हानि और दौरे पड़ने की भी दिक्कत हो सकती है। जिन लोगों को पहले से ही हृदय रोगों की समस्या है, उन्हें हीटवेव के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है क्योंकि इससे हृदय की कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो सकती है।

उच्च तापमान ब्लड प्रेशर को बढ़ाने वाली भी हो सकती है, जिसके कारण स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा स्थितियों का जोखिम हो सकता है।

गर्मी के मौसम में स्वस्थ रहने के लिए कुछ जरूरी प्रयास करते रहना आवश्यक है।
दिन भर में खूब सारा तरल पदार्थ पिएं, भले ही आपको प्यास न लगे।
तेज धूप (आमतौर पर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक) के दौरान जोरदार व्यायाम करने या घरों से बाहर जाने से बचें।
मौसम के हिसाब से कपड़े पहनें। सूती और ढीले-ढाले कपड़े आपको गर्मी से बचाते हैं।
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ और पौष्टिक आहार का सेवन करते रहना जरूरी है।
बच्चों-बुजुर्गों को हीट स्ट्रोक और इससे संबंधित समस्याओं का खतरा अधिक होता है, इससे बचाव करते रहना जरूरी है।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स व चिकित्सकों से एकत्रित जानकारियों से तैयार किया गया है। जनता की जागरूकता हेतु बदायूं एक्सप्रेस इसकी पुष्टि नहीं करता।

प्रदीप प्रजापति