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********* बदायूं 1 जून 2024।
गेहूं की खरीद को लेकर इन दिनों सरकार को किसानों का साथ नहीं मिल रहा। जिस कारण से गेहूं की सरकारी खरीद सुस्त हो चुकी है। ऐसे में समस्या है कि देश का भंडार किस तरह भरेगा ? जनसूचना अधिकार के तहत मिली सूचना के आधार पर पिछले कुछ दिनों के आंकड़ों को देखें, तो देश में सिर्फ 2,23,425.2 मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदा जा सका है। यानी पिछले एक सप्ताह के दौरान देश में रोजाना मुश्किल से 32 हजार टन गेहूं ही खरीदा गया है
गेहूं की सरकारी खरीद पर संकट
इन दिनों गेहूं की सरकारी खरीद सुस्त सी दिखाई दे रही है। बहुत कम किसान ही एमएसपी पर गेहूं बेचने आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों के आंकड़ों को देखें, तो देश में सिर्फ 2,23,425.2 मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदा जा सका है। यानी पिछले एक सप्ताह के दौरान देश में रोजाना मुश्किल से 32 हजार टन गेहूं ही खरीदा गया है। जानकारों का कहना है कि 30 जून को जब गेहूं खरीद की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर बंद होगी, तब तक मुश्किल से सरकार 270 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही खरीद पाएगी। इसका कारण यह है कि कई राज्यों में खरीदी प्रक्रिया या तो खत्म हो गई है या खत्म होने को है।
एफसीआई के मुताबिक, 30 मई की सुबह तक सरकार सिर्फ 2,63,98,900 मीट्रिक टन गेहूं ही खरीद पाई है, जबकि 23 मई को खरीद 2,61,75,474.80 मीट्रिक टन थी। यानी पिछले एक सप्ताह में बहुत अधिक खरीद नहीं हुई है। जिन 37,02,410 किसानों ने एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, उनमें से अब तक सिर्फ 20,89,498 लाख किसानों ने ही सरकार को गेहूं बेचा है। ऐसा अनुमान है कि बचे हुए किसानों ने या तो गेहूं को स्टोर कर लिया या फिर बाहर व्यापारियों को ज्यादा दाम पर बेच दिया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक गेहूं बेचने वाले किसानों को अब तक 56,771.8 करोड़ रुपये एमएसपी के तौर पर भेजे जा चुके हैं।
दरअसल, इस वर्ष केंद्र सरकार ने 372.9 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अभी सरकार को करीब 109 लाख टन गेहूं और खरीदना पड़ेगा। ऐसे में बार-बार सवाल यह उठा रहा है कि जैसे-जैसे दिन निकलते जा रहे हैं, वैसे वैसे मंडियों में एमएसपी पर बिकने वाले गेहूं की आवक कम हो रही है। ऐसे में अगर सरकार लक्ष्य पूरा नहीं होगा, तो देश के अनाज का भंडारण कैसे भरेगा।
भारतीय खाद्य निगम के अनुसार, पंजाब में गेहूं की खरीद 31 मई को बंद हो जाएगी। 10 जून को हिमाचल प्रदेश, 15 जून को उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, जबकि 30 जून को मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में खरीद खत्म हो जाएगी। जबकि हरियाणा में खरीद प्रक्रिया पहले ही बंद हो चुकी है। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान से ही कुछ उम्मीद बची है। बाकी राज्य तो इस मामले में पहले ही फिसड्डी साबित हो चुके हैं।