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ममता ने अपने नाम की ना रखी लाज- जेल जाते वक्त अनाथ हुए बच्चों की तरफ ना देखा

बदायूं 28 मई। पति की हत्या के मामले में जेल जाने के दौरान ममता ने अपने नाम की भी लाज ना रखी,ना चेहरे पर कोई पछतावा ना उसने अपने अनाथ हुए दोनों बच्चों की तरफ देखा। पुलिस के अनुसार ममता ने पति महेश की हत्या सिर्फ इस बात पर कर दी कि वह हर रोज आकर हुक्म चलाता था और खर्च के लिए रुपये भी नहीं देता था। वह इतनी निर्दयी हो चुकी थी कि जेल जाते समय उसने अपने बच्चों तक का चेहरा नहीं देखा।

यह था मामला
एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि 24 मई की रात को इस्लामनगर थाना क्षेत्र के अल्लैहपुर समसपुर की मढ़ैया गांव निवासी महेश राणा की हत्या कर दी गई थी। उसकी पत्नी ममता ने रात शोर मचाकर परिजनों को जगाया और कहा कि लूटपाट करने आए बदमाशों ने पति के सिर पर प्रहार किया है। इलाज के लिए ले जाते समय महेश की मृत्यु हो गई थी।

ममता के बयान के अनुसार, उसने पति को पीटते देख दहशत में आकर बदमाशों को अपने पहने जेवर , घर में रखे 40 हजार रुपये दे दिए थे, जिससे उसकी खुद समेत बच्चों की जान बची । पुलिस ने हत्या व लूटपाट की प्राथमिकी पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी।

पुलिस को घटनाक्रम से महिला पर ही शक रहा, जिससे 48 घंटे के भीतर पुलिस ने जो सामान लूटा हुआ दिखाया गया वह महिला की निशानदेही पर ही बरामद कर लिया। पूछताछ में महेश की पत्नी ममता टूट गई और उसने पूरा आरोप अपने सिर ले लिया।
हत्या का कारण ममता ने सिर्फ यही बताया कि पति महेश उसे खर्च को रुपये नहीं देता था। एक एक पैसे को लाचार रखता था, आए दिन पीटता और शक करता था। उस दिन भी यही हुआ।

इस पर उसने लोहे की राड मार दी, जब वह गिर गया तो सिलबट्टे से प्रहार किया। बाद में गला भी दबाया। यह सब बताते समय घटना को लेकर उसमें कोई पश्चाताप या गलती जैसी भावना नहीं थी।
ममता पर नौ साल का बेटा साजन और चार की बेटी रिचा है। दोनों के सामने ही पुलिस ने मां ममता को जेल भेज दिया। पिता की चिता को मुखाग्नि दे चुके साजन और बेटी रिचा को समझ ही न आ रहा था कि होनी उनके साथ कैसा खेल खेल रही है। उनके सिर से तो पिता का साया भी उठ गया और मां की ममता भी छिन गई।

हो सकता है कि मां की सोच उनके प्रति ममत्व भरी रही हो, लेकिन उसका कृत्य उसे उसके बच्चों से दूर ले गया। पहले तो बच्चे काफी देर तक रोते रहे, परिजनों के समझाने पर वह शांत हो गए, सोचते होंगे कि अब उनका अपना कौन है।