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धान की रोपाई से पहले कर लें यह काम, खरपतवार और कीटों से मिलेगी निजात, बंपर होगी पैदावार

*****/////** उझानी बदायूं 27 मई।
कृषि बैज्ञानिकों ने बताया कि गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करने से मिट्टी में वायु संचार होता है,कीटों का बेहतर प्रबंधन होता है। इसके अलावा अगली फसल में खरपतवार भी नहीं उगते, किसानो को गेहूं की कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई कर देना चाहिए। व खेत को 20 दिन खाली पडा रहने दें,तो इसके बहुत फायदे होंगे। जुताई का वैज्ञानिक अर्थ मिट्टी काटकर पलट देना। भूमि की ऊपरी सतह की मिट्टी नीचे जाए और नीचे की मिट्टी ऊपर आ जाए। वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्मियों में गहरी जुताई करने से किसानों को अगली फसल में खरपतवार कम उगेंगे, इसके अलावा उत्पादन ज्यादा मिलेगा, जल संरक्षण भी होगा।
बताया कि गर्मियों में मिट्टी की जुताई करने से मिट्टी में सूर्य की रोशनी जाती है, मिट्टी में वायु संचार होता है, गर्मियों में सूर्य की तेज किरणें मिट्टी के अंदर जाने से खरपतवारों के बीज और कई हानिकारक कीड़े-मकोड़े मर जाते हैं. मिट्टी की जल धारण क्षमता में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा किसानों को अगली फसल में उत्पादन अच्छा मिलता है।
गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करने से कीट नियंत्रण भी हो जाते हैं। क्योंकि बहुत से कीट जैसे कि टिड्डी अपने अंडों को मिट्टी में कुछ गहराई में रख देती हैं, जो पहली बारिश के साथ ही फिर विकसित होकर बाहर निकल आते हैं। लेकिन अगर गर्मियों में खेत की गहरी जुताई कर दी जाए, तो यह अंडे ऊपर आ जाते हैं और पक्षियों द्वारा इनको नष्ट कर दिया जाता है, या फिर यह सूर्य की तेज किरणों के संपर्क में आने पर खुद ही मर जाते हे।

गहरी जुताई करने से बहुवर्षीय खरपतवारों की रोकथाम हो जाती है. क्योंकि इन खरपतवारों की जड़ें जमीन में काफी गहराई तक फैली होती हैं। अगर गर्मी में गहरी जुताई दो से तीन बार कर दी जाए तो यह खरपतवार नष्ट हो जाएंगे। ध्यान रखें कि पलटा हल या फिर डिस्क हैरो से ही जुताई की जाए।

मिट्टी की गहरी जुताई करने से जमीन की सतह खुल जाती है, भूमि में वायु संचार प्रचुर मात्रा में होता है। सूर्य की किरणें जब मिट्टी के अंदर पहुंचती हैं, तो इससे पौधे मिट्टी के खनिज पदार्थों को आसानी से भोजन के रूप में ग्रहण कर लेते हैं। जुताई के बाद जमीन को धूप और वायु पर्याप्त मात्रा में मिलता रहता है। इससे मिट्टी में नाइट्रोजन तेजी के साथ बनता है। मिट्टी में मौजूद जैवीय पदार्थ जल्द नाइट्रेट की शक्ल में बदल जाता है, जिसे खेत में बोई जाने वाली फसल को सीधा लाभ मिलता है।
कृषि बैज्ञानिको ने बताया कि गर्मियों में 15 सेंटीमीटर गहरी जुताई करनी चाहिए,ध्यान रखें कि अगर खेत का ढलान पूरब से पश्चिम की ओर है तो जुताई उत्तर से दक्षिण की ओर करनी चाहिए। अगर खेत ऊंचा नीचा हो तो इस तरह से जुताई करनी चाहिए कि बारिश होने के बाद मिट्टी का बहाव ना हो ध्यान रखें की खेत के ढाल के विपरीत दिशा में जुताई की जाए। यदि ढलान पूरब से पश्चिम हो तो जुताई उत्तर से दक्षिण के लिए की जाऐ। राजेश वार्ष्णेय एमके