भागवत कथा में सती चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाया
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव वैन में ग्राम देवता मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथाव्यास हरदोई के नैमिषारण्य नैमिष धाम से पधारे अवध किशोर महाराज ने राजा दक्ष का यज्ञ और सती प्रसंग सुनाया। ध्रुव चरित्र में भगवान के भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर अटल पदवी देने का वर्णन किया। उन्होने कहा कि भगवान शिव की अनुमति लिए बिना उमा अपने पिता दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में भाग लेने पहुंच गईं। यज्ञ में भगवान शिव का आमंत्रण और उनका भाग न दिए जाने पर कुपित होकर सती ने यज्ञ कुंड में आहुति देकर शरीर त्याग दिया। इससे नाराज शिव के गणों ने राजा दक्ष का यज्ञ विध्वंस कर दिया। ध्रुव कथा प्रसंग में बताया कि सौतेली मां द्वारा अपमानित होकर बालक ध्रुव कठोर तपस्या के लिए जंगल को चल पड़े। बारिश, आंधी-तूफान के बावजूद तपस्या न डिगने पर भगवान प्रगट हुए और उन्हें अटल पदवी दी।