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रोप-वे के जरिए, उड़नखटोले में बैठकर श्रृद्धालु करेंगे बांकेबिहारी मंदिर के दर्शन

**//////////*** वृंदावन 26 मई 2024। मथुरा-वृंदावन में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु रोप-वे के जरिए आराध्य बांकेबिहारी सहित अन्य प्रमुख मंदिरों तक पहुंच सकेंगे। इस परियोजना की शुरुआत वृंदावन से की जाएगी।

प्रस्तावित क्षेत्र का शनिवार को उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद के अधिकारियों की तकनीकी टीम ने निरीक्षण किया। रोप-वे के बनने के बाद वृंदावन में लगने वाले जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी। इस योजना पर 80 से 100 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर खर्च आने का अनुमान है। परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी। पहले और दूसरे चरण के तहत वृंदावन और तीसरे चरण में मथुरा में विस्तार होगा।

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने नेशनल रोप-वे डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ मिलकर रोप-वे का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके लिए परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह और नेशनल रोप-वे डेवलपमेंट प्रोग्राम के सीईओ प्रकाश गौड़ सहित अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया। सीईओ ने बताया
प्रथम चरण में यह छटीकरा मार्ग पर वैष्णो देवी मंदिर से शुरू होकर बिहारीजी मंदिर होकर दारुक पार्किंग तक जाएगा। इसके बीच चंद्रोदय मंदिर, मल्टीलेवल पार्किंग, प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, अटल्ला चुंगी तक आठ स्टेशन बनाए जाएंगे। पूरी दूरी में 40 टावर बनाए जाएंगे। पहले चरण में बनने वाला रोप-वे 7.9 किमी लंबा होगा। यह दूरी 4 मीटर प्रति सेकेंड की गति से लगभग 32 मिनट में पूरी होगी।
1500 से 2000 व्यक्ति प्रति घंटा सफर तय कर सकेंगे।
रोप-वे के जरिए प्रति घंटा 1500 से 2000 व्यक्ति सफर कर सकेंगे। इस तरह प्रतिदिन करीब 12000 लोग रोप-वे के जरिए वृंदावन के विभिन्न मंदिरों तक जा सकेंगे। द्वितीय चरण में रामताल पार्किंग और वृंदावन बाईपास तक और तृतीय चरण में मथुरा के बिरला मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मस्थान तक विस्तार किया जाएगा। रोप-वे की ऊंचाई मास्टर प्लान में निर्धारित भवन निर्माण की अनुमति से 10 मीटर ऊंची होगी, ताकि किसी भी प्रकार का व्यवधान पैदा न हो। सीईओ ने बताया कि रोप-वे की प्रस्तावित परियोजना के अमल में आने के बाद श्रद्धालु सड़कों पर भीड़ में फंसने के बजाय आसानी से मंदिर तक पहुंच सकेंगे।