********/ उझानी बदायूं 24 मई 2024। आज कल गर्मियों की प्रदेश के सभी स्कूल कालेज में छुट्टीयां चल रही है। मगर बच्चों पर पूरे वर्ष पढाई के बोझ के बाद भी गर्मियों की छुट्टी मे नानी के घर की कहानियां सुनने को नहीं मिलेंगी क्योंकि उनके घूमने का प्रोग्राम समर कैम्प ले लेंगे । ज्यादातर स्कूल समर कैम्प के नाम पर लगातार खुल रहे हैं। कोरोना काल में बच्चों को मोबाईल से पढाई करने का नतीजा रहा कि गांव के बहुत से छात्र आज मोबाइल मेनिया से ग्रसित हो गए हैं। जो सामाजिक संबंधों पारिवारिक दायित्व को भी प्रभावित कर रहा हे!
कभी खराब परीक्षा परिणाम के नाम पर जिले के कलेक्टरो की ओर से विद्यार्थियों के लिए एक्स्ट्रा क्लास लगाई जाती रही थी। तो अब समर कैंप के नाम पर शिक्षकों और छात्रों को कुछ स्कूल लगातार बुला रहै हे। समर कैम्प कुछ स्कूल फ्री तो कहीं पर वसूली की बाते भी सुनाई दे रही है।
मालूम हो कि गर्मी की छुट्टियों का इंतजार शिक्षक अभिभावक और छात्र तीनों करते है। बहुत से शिक्षक जो अपने निवास क्षेत्र से दूर सेवा देते हैं वह अपने घर की ओर जाते हैं। बहुत से शिक्षक गर्मी की छुट्टियों में अपने परिवार के साथ कहीं बाहर पर्यटन के लिए घूमने जाते हैं। बहुत से छात्र गर्मियों की छुट्टी में ननिहाल या रिश्ते नातेदारी में जाते आते है। या फिर परिवार के साथ घूमने जाते है।
छुट्टियों के दौरान बच्चे वह सब कर सकते हैं जिसमें उनकी इच्छा होती है। यह ऐसा अवसर है जब छात्र छुट्टियों में अपने माता-पिता, भाइयों और बहनों के साथ रहने का आनंद लेते हैं। गर्मी की छुट्टियाँ छात्रों के जीवन में सबसे सुखद महीने होते है। इस दौरान स्कूल जाने से कुछ दिनों के लिए उन्हें थोड़ा आराम मिलता है।
स्कूलों की परीक्षा खत्म होने के बाद या रिजल्ट आने के बाद छात्र थकावट महसूस करते हैं, पढ़ाई में रुचि नहीं रखते, इसलिए उन्हें पढ़ाई के एक लंबे वर्ष के बाद अपने स्वास्थ्य व दिमाग को तरोताजा रखने में सुधार के लिए आराम की जरूरत भी होती है। यह ऐसा समय होता है जब छात्रों और शिक्षको को भी कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। इसलिए हर कोई इसे यादगार बनाने की कोशिश करता है। बच्चे इस छुट्टी को यादगार बनाने की प्लानिंग साल भर से करते है।
समर कैंप में चित्रकला, गायन, वादन, निबंध, कहानी-लेखन, हस्तलिपि-लेखन, नृत्य, खेल-कूद, अपने गांव शहर का ऐतिहासिक परिचय आदि गतिविधियां आयोजित की जाती है। इन गतिविधि के अलावा अन्य रचनात्मक गतिविधि का भी चयन किया जा सकता है।
सवाल उठता है कि जब 10 महीने लगातार पढ़ने के बाद भी कभी कभी याद नहीं रहता तो क्या आठ दस या 15 दिन का समर कैम्प लगाकर बच्चों को वह सिखाया जा सकता है ?। राजेश वार्ष्णेय एमके