***/////****////////// उझानी बदायूं 25 मई 2024। आम का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आना स्वाभाविक है। आम खाने के शौकीन लोग संभल जाएं। यह शौक आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। यह आपकी पांचनतंत्र की समस्याओं के अलावा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी दे सकता है। जी हां, बाजार में जिस घातक रसायन से पकाकर आम लाए जा रहे हैं, वह स्वाद में भले ही अच्छा लगे पर सेहत के लिए हानिकारक है। इसलिए आंखें खोलकर आम खरीदें।
बाजार में इन दिनों फलों का राजा कहलाने वाले आम की बिक्री बड़े जोरों पर है। बाजार में बिक रहा आम प्राकृतिक रूप से नहीं पका ,बल्कि इसे विभिन्न रसायनिक पदार्थ के सहयोग से पकाया जा रहा है। आम पर लगे हुए हानिकारक रसायनिक पदार्थ का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। कस्बे में फल विक्रेताओं से जब इस बारे में बात की तो माना की यह आम सेहत के लिए अच्छे नहीं है। रसायनिक पदार्थ से पके हुए फलों को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि इनसे विभिन्न पेट संबंधित बीमारियाें का अंदेशा रहता है। रसायनिक पदार्थ का उपयोग कर पकाए गए फलों से लीवर, किडनी व कैंसर जैसी बीमारियों के होने की आशंका बनी रहती है। आम पकाने के लिए कैल्शियम कार्बन डाइऑक्साइड व अन्य रासायनिक पदार्थ प्रयोग में ले रहे है।
व्यापारी कच्चे आम के पैकेट लाकर इनमें विभिन्न रसायनों युक्त पुडिय़ा पकाने के लिए रख देते है। बाजार में मांग अनुसार फलों के पैकेट के अंदर रसायन युक्त पुडिय़ा रखकर उन्हें कुछ ही घण्टो में पका लिया जाता है। व्यापारियों द्वारा पकाए जाने वाले फलों में प्रयोग में आने वाला यह रसायन स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिबंधित किया हुआ है,लेकिन उसके बावजूद व्यापारी इसका धड़ल्ले से उपयोग कर रहे। खाद्य विभाग व नगर पालिका को फुर्सत नहीं जो इन केमिकल पदार्थों का प्रयोग करनेवाले लोगों पर कार्रवाई करें। जो लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे है।
रसायनिक पदार्थों, विशेष रूप से कैल्शियम कार्बाइड, से पकाए गए आम स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकते हैं। इन रसायनों के संपर्क में आने से आम में हानिकारक तत्व जैसे आर्सेनिक और फॉस्फोरस हाइड्राइड चले जाते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
रसायनिक रूप से पके आमों के सेवन से होने वाले कुछ संभावित स्वास्थ्य खतरे जैसे उल्टी, दस्त, पेट दर्द और अपच, त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन और सांस लेने में तकलीफ
सिरदर्द और चक्कर आना
कमजोरी और थकान
गंभीर मामलों में, कैंसर और तंत्रिका तंत्र को नुकसान।
राजेश वार्ष्णेय एमके