वो जिसने काम किए हैं सदा भलाई के
मिले हैं उसको ही इलज़ाम हर बुराई के
बिछड़ गए हो तो मुड़कर न देखना पीछे
उसूल सीखने होगें तुम्हें जुदाई के
सिखा दिये हैं तजर्बों ने ज़िंदगी के हुनर
दिए हैं इम्तेहां हमने बिना पढ़ाई के
मैं उम्र क़ैद को अपना नसीब कहती थी
सो उसने कर दिए रस्ते मेरी रिहाई के
मैं जा रही हूं बहुत दूर तेरी दुनिया से
मैं सौंपे जाती हूं तोहफे तुझे जुदाई के
लो उखड़ी जाती हैं सांसे लो थम रही है नब्ज़
अब इंतज़ाम करो तुम मेरी विदाई के
सिया सचदेव