Sugandha Sharma
“संबंधों” का जुड़ना एक आकस्मिक “संयोग” हो सकता है,परंतु “संबंधों” को आपसी “सद्भ़ावना” एवं “प्रेमभाव” से “जिन्दगी भर” निभा पाना किसी कठिन “तपस्या” से कम नहीं….और
जिन्दगी मे प्रसन्नता का एक सीधा सरल “नियम” ना किसी से “अपेक्षा” ना किसी की “उपेक्षा”
#सुप्रभात_जिंदगी
#सुगंधा