यह सच है कि राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर सत्ता पक्ष ( बीजेपी ) ने बहुत वाह वाही लूटी एवं बहुसंख्यकों के दिलों में अपनी जगह बनाई वह चाहे धारा 370 हो अथवा राम मंदिर, परंतु स्थानीय स्तर पर सत्ता पक्ष का प्रभाव बिल्कुल नहीं रहा, जोकि वोटिंग प्रतिशत गिरने का प्रमुख कारण रहा।
वहीं अगर विपक्ष की बात कि जाए तो पहले यह स्पष्ट समझना होगा कि विपक्ष का कोई सर्व मान्य नेता नहीं है, और विपक्ष को वोट करने वाला अधिकतर वोटर वह है जो राष्ट्रिय स्तर के मुद्दों के हल होने में विपरीत राय रखता है, लेकिन उसे यह भी पता है कि विपक्ष कमजोर है शायद उसके वोट करने से कुछ नहीं होगा, इनका वोटिंग प्रतिशत भी गिरा है परंतु फिर भी इनका वोटिंग प्रतिशत सत्ता पक्ष को वोट करने वालों से अधिक है।
अब बारी आती है जिन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, यह वर्ग अधिकतर आरक्षित श्रेणी से आता है यह वह वर्ग है जो विपक्ष के हाथ देश की कमान नहीं सोपना नहीं चाहता परंतु सत्ता पक्ष से भी संतुष्ट नहीं, मेरा मानना है कि इन्होंने वोटिंग प्रतिशत को अधिक प्रभावित किया है।
अंत में यह कहना स्पष्ट होगा कि स्थानीय स्तर पर सत्ता पक्ष कमजोर है एवं राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष जोकि गिरते वोटिंग प्रतिशत का मुख्य कारण है।
– हेमंत कुमार दुआ