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बदायूं जिले के 16 गांवों के वोटरों ने किया मतदान का बहिष्कार नेता अफसर मान-मनौव्वल में जुटे रहे

बदायूं जिले के 16 गांवों के वोटरों ने किया मतदान का बहिष्कार नेता अफसर मान-मनौव्वल में जुटे रहे।

बदायूं 7 मई । लोकतंत्र के महापर्व पर जिले में मतदान के दिन बिजली, सड़क और जल निकासी का मुद्दा गूंजता रहा। समस्याओं का समाधान न होने से नाराज ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। अफसर व नेता मतदाताओं की मान-मनौव्वल में जुटे रहे। ज्यादातर लोग मतदान को तैयार हो गए, लेकिन कुछ बहिष्कार पर डटे रहे।
बदायूं जिले में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास किए गए, लेकिन जनसमस्याओं के समाधान पर उतनी गंभीरता नहीं दिखी। नतीजा चुनाव के दिन सामने आ गया। मंगलवार को मतदान के दौरान बदायूं के 16 गांव में बिजली और सड़क का मुद्दा छाया रहा। इसको लेकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया।
मतदान करने के लिए 13 गांवों के लोग मान गए लेकिन शाम चार बजे तक तीन गांव के लोग मतदान करने नहीं पहुंचे। सहसवान ब्लॉक क्षेत्र के गांव बसंतनगर, इस्लामनगर के पुरदलपुर और खुशहालपुर में लोग नहीं माने तो तीन बजे के बाद अधिकारियों ने मतदान का शून्य खत्म करने के लिए कुछ मतदाताओं को राजी किया ओर बौहनी कर दी।
सहसवान ब्लॉक के बसंतनगर के ग्रामीणों ने सड़क को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया। जब सुबह 11 बजे तक ग्रामीण मतदान करने नहीं पहुंचे और प्रदर्शन करने लगे तो पीठासीन अधिकारी ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी, जिससे सहसवान एसडीएम प्रेमपाल सिंह और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों से मतदान न करने की वजह पूछी तो ग्रामीणों ने बताया कि बसंतनगर गांव से करियामई तक करीब तीन किलो मीटर तक कच्ची सड़क है। वह पिछले कई साल से सड़क निर्माण कराने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन हर बार मामला टाल दिया जाता है। सड़क न बनने से कई युवाओं की शादी तक नहीं हुई है। इसी तरह भरतपुर गांव के लोग भी नजदीकी गांव उदयपुर में मतदान केंद्र बनाने से नाराज हैं, जिससे वह मतदान करने नहीं पहुंचे। यहां केवल दो-तीन लोगों ने ही मतदान किया।

इस्लामनगर ब्लॉक क्षेत्र के गांव पुरदलपुर में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। उन्होंने बताया कि उनके गांव में रुदायन फीडर से बिजली आती है। लगातार ट्रिपिंग होती है। बिजली कटौती भी खूब होती है। किसानों की फसलें सूख जाती हैं। कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। गांव में 40 बीघा जमीन विद्युत उपकेंद्र के नाम से पड़ी हुई है लेकिन आज तक उपकेंद्र नहीं बन पाया। उनके गांव में 1250 मतदाता हैं।
इसकी सूचना पर सहसवान एसडीएम प्रेमपाल सिंह, इस्लामनगर इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह, ब्लॉक प्रमुख गजेंद्र सिंह गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण नहीं माने। पुलिस ने दबाव बनाकर दो-तीन महिलाओं से मतदान करा दिया लेकिन उसके बाद किसी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया। खुशहालपुर के ग्रामीणों ने भी बिजली समस्या को लेकर मतदान नहीं किया।
आसफपुर ब्लॉक क्षेत्र के पांच गांव के लोगों ने मतदान करने से इन्कार कर दिया। इनमें दौलतपुर, मुंसिया नगला, भरतपुर, बीधा नगला और ललुआ नगला के ग्रामीणों ने बिजली और सड़क की समस्या को लेकर बहिष्कार किया। इसकी सूचना पर एसडीएम कल्पना जायसवाल और पूर्व विधायक कुशाग्र सागर समेत कई नेता और अधिकारी पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाबुझाकर मतदान शुरू कराया। इन पांचों गांव में दोपहर तक मतदान प्रतिशत बेहद कम रहा। ग्रामीणों की मांग थी कि उनके इलाके में विद्युत उपकेंद्र पिछले दस साल से प्रस्तावित है लेकिन आज तक उपकेंद्र का निर्माण नहीं हो पाया, जिससे ग्रामीण नाराज थे।
आसफपुर ब्लॉक के गांव ढोरनपुर में ग्रामीणों ने एकजुट होकर मतदान का बहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन दो किलोमीटर के संपर्क मार्ग का निर्माण नहीं करा पाया है। इसको लेकर ग्रामीणों ने गांव में बैनर पोस्टर भी लगाए। मंगलवार को उन्होंने प्रदर्शन भी किया। इसकी सूचना पर तहसीलदार विजय कुमार और एसओ वेदपाल सिंह मौके पर पहुंच गए। उन्होंने लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों से बातकर ग्रामीणों को समझाया कि सड़क का प्रस्ताव पास हो चुका है। उसकी धनराशि भी स्वीकृत है। चुनाव के बाद सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा। तब कहीं ग्रामीण मतदान करने के लिए तैयार हुए और मतदान किया।
बिल्सी ब्लॉक क्षेत्र के गांव सुकटिया में सड़क को लेकर लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव की सड़क बेहद खराब है। वह पिछले कई साल से सड़क निर्माण कराने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन सड़क का निर्माण नहीं हो पाया। इसके अलावा हरनाम नगला के लोगों ने स्कूल निर्माण को लेकर मतदान नहीं किया।

इसकी सूचना पर पूर्व विधायक प्रेमस्वरूप पाठक और पूर्व एमएलसी जितेंद्र यादव गांव पहुंचे। उन्होंने जैसे-तैसे समझाकर उन्हें मतदान करने के लिए राजी किया। यहां दोपहर करीब ढाई बजे से मतदान शुरू हुआ। सहसवान विधानसभा क्षेत्र के गांव केशरपुर में भी लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने शाम पांच बजे तक मतदान नहीं किया।

दातागंज विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रुकुमपुर और अमृतापुर के लोगों ने बिजली और सड़क को लेकर सुबह मतदान का बहिष्कार किया। रुकुमपुर के ग्रामीणों का कहना है कि उनका सात किलो मीटर का रास्ता है, जिसमें तीन किलोमीटर की सड़क बेहद खराब है। वह कई कार सड़क निर्माण की मांग कर चुके हैं लेकिन उनकी सड़का निर्माण नहीं कराया गया।

इसी तरह अमृतापुर के लोगों ने भी बिजली और सड़क निर्माण का मुद्दा उठाया। इसकी सूचना पर दातागंज विधायक के बेटे अतेंद्र विक्रम सिंह और आंवला सांसद के प्रतिनिधि धर्मेंद्र गुप्ता पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों को समझाबुझाकर सुबह करीब 11 बजे मतदान शुरू कराया।
इन गांव में हुआ बहिष्कार
सहसवान ब्लॉक क्षेत्र के गांव बसंतनगर, केशरपुर, इस्लामनगर ब्लॉक क्षेत्र के गांव भरतपुर, पुरदलपुर, खुशहालपुर, आसफपुर ब्लॉक क्षेत्र के गांव दौलतपुर, मुंसिया नगला, भरतपुर, बीधा नगला, ललुआ नगला, ढोरनपुर, बिल्सी ब्लॉक क्षेत्र के गांव सुकटिया, हरनाम नगला, उझानी ब्लॉक क्षेत्र के गांव हजरतगंज और दातागंज ब्लॉक क्षेत्र के गांव रकुमपुर व अमृतापुर आदि गांव में बहिष्कार हुआ। प्रदीप प्रजापति