1:17 pm Friday , 31 January 2025
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नमस्ते जी– आचार्य संजीव रूप

🕉️🙏 *नमस्ते जी* 🙏🕉️– आचार्य संजीव रूप

🚩 *वैशाख – – – – कृष्ण – नवमी – २०८१* 🚩

🔥 *02 मई 2024* 🔥~~~~~~~~~~~~~~~~
दिन —– *गुरुवार*
‘तिथि *नवमी*
नक्षत्र — *श्रवण*
पक्ष —— *कृष्ण*
माह– — *वैशाख*
ऋतु ——– *ग्रीष्म*
सूर्य —- *उत्तरायणे* -उत्तर गोल
विक्रम सम्वत — 2081
दयानन्दाब्द — 201
वङ्गाब्द – 1430
शक सम्बत -. 1946
कलयुगाब्द,: 5126
कल्प सृष्टि सम्वत–1972949125वां
वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत- १९६०८५३१२५ वां
*सूर्योदय-/सूर्यास्त* (दिल्ली- 5ः 41/ 6: 57 (लखनऊ : 5:28 / 6: 39 .
*ब्रहा मुहूर्त*: 4: 21 से 5ः 10

🌷 *रूप वाणी*
जैसे अच्छे सांचे में ढल करके ही अच्छा खिलौना बनता है इसी प्रकार ज्ञान भक्ति कर्म पुरुषार्थ और संतोष जैसे श्रेष्ठ सांचे में ढलकर श्रेष्ठ मनुष्य बनता है

🍅 *पहला सुख निरोगी काया*
*नींबू* : स्नान से पहले नींबू के रस से सर में मालिश करने से बालों का पकना गिरना दूर हो जाता है एवं जुएं भी नष्ट हो जाती है

🌷 *संजीव रूप*
सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि
यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072

*हिन्दी संकल्प पाठ* 🏵

हे परमात्मन् आपको नमन! आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। सृष्टिसम्वत एक अरब सत्तानवे करोड़ उनतीस लाख उनन्चास हजार एक सौ पच्चीसवां है,कलियुगाब्द 5126, विक्रम सम्वत् दो हजार इक्यासी है,दयानन्दाब्द 2O1 वां है, सूर्य उत्तर अयन में वर्तमान है ,कि *ऋतु ग्रीष्म, *मास वैशाख *कृष्ण पक्ष- तिथि- नवमी-, श्रवण है, गुरुवार है, O2 मई 2024* को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ….जनपद…के ..ग्राम/शहर…में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में मैं …अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ….(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं …आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य….. श्री का वरण करता हूँ,

🕉️ *संस्कृत संकल्प पाठ:*🕉

ओं तत्सद्।श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि पञ्च विंन्शत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चसहस्त्राणि पंचविशत्युत्तरशततमे कलियुगे, एकाशीति द्विसहस्रतमे वैक्रमाब्दे ,, शाके १९४५ दयानन्दाब्दे( एकाधिकद्वि शततमे ) २०१ , रवि उत्तराणायणे, उत्तर गोले, *ग्रीष्म* ऋतौ, * वैशाख मासे, कृष्ण पक्षे, नवमी तिथि, श्रवण नक्षत्रम्, बुधवार तदनुसारम् आङ्गलाब्द 2024 मई मासः, *02*
दिनाङ्क*।
जम्बूद्वीपे,…
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते ………प्रदेशे ,……..जनपदे.. ..नगरे……गोत्रोत्पन्नः….श्रीमान्.(पितामह)….(पिता..).पुत्रस्य… अहम् .'(स्वयं का नाम)…..अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्धि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् . सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏.