बिल्सी में हुआ जैन मुनियों का भव्य स्वागत,मंदिर की पूजा-अर्चना
बिल्सी। वैज्ञानिक जैन मुनि श्री निर्भय सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि शिवदत्त सागर महाराज, मुनि पदमदत्त सागर महाराज एवं हेमदत्त सागर महाराज का आगमन पदमांचल जैन मंदिर दिधौनी पर सुबह सात बजे हुआ। यहां मुनि शिवदत्त सागर जी महाराज ने मंगल प्रवचन में कहा कि असली तप हर परिस्थिति में मन की प्रसन्नता को बनाये रखना है। तप हमारी चेतना को निखारता है। कटु शब्द को सुनकर नजरअंदाज करना भी एक तप है। सुबह में जिनेन्द्र प्रभु का अभिषेक, शांतिधारा की जिसमें सांसारिक जीवन से वैराग्य के मार्ग को बताया गया। भगवान जिनेन्द्र से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों को कलाकारों ने बेहद रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। जहां से वह नगर के मोहल्ला संख्या आठ स्थित पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर और उसके बाद अमरचंद कोल्ड स्टोरेज स्थित पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर एवं मोहल्ला संख्या दो श्री चंद्र प्रभु पंचायती दिगंबर जैन मंदिर के दर्शन करें। इसके साथ ही संध्या में बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम, संध्या आरती व अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इस मौके पर जैन समाज के काफी लोग मौजूद रहे।