बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
लोकसभा चुनाव को लेकर नाम वापसी का दौर पूरा हो चुका है। कौन – कौन उम्मीदवार मैदान में किस राजनेतिक दल हैं यह बात साफ हो चुकी है, चुनाव प्रचार हेतु जनसभा और नक्कड सभाओं का दौर चल रहा है, उम्मीदवार और उनके समर्थक गांव – गांव में जनसम्पर्क कर रहे हैं लेकिन कोई उम्मीदवार यह बताने को तैयार नहीं है कि उसने बदायूं के विकास में क्या योगदान दिया, क्या काम काम कराया बस एक बात चल रही है कि ईंट का जवाब पत्थर से देगें, एक – एक बात याद रखेगें जैसी बाते इस तरह से सामने आ रही हैं जैसे किसी अर्धसरकारी संस्था अथवा गांव की पगडंडी का चुनाव चल रहा हो। अरे मैदान में उतरने वालों महानुभाव यह तो मतदाताओं को बताओ क्यि तुम्हारे दिल में है। ऐसा लग रहा है कि दोनों हाथ खाली हैं, बस वोट मांगने आएं हैं और उनके पास आगे के लिए क्षेत्र के विकास की कोई योजना नहीं हैं।