7:16 am Friday , 31 January 2025
BREAKING NEWS

बदायूं का मतदाता अब बच्चा नहीं है, तुम्हारा घर अब अच्छा नहीं है !

बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
बदायूं की राजनीति की बात पर निगाह डालें तो ऐसा लग रहा है कि अब मतदाता चंदा मामा दूर के वाली बातों से आगे निकल चुका है, पहले मतदाता को नेता अपनी बातों के जाल में फंसाते थे और अब मतदाता नेताओं को अपना होने के जाल में ऐसा फंसाता है जो सावन के अंधे वाली कहावत हर जगह दिखाई दे जाती है। पहले नेता आते थे तो परिवार और गांव की पार्टी बंदी का जिक्र करके साथ देने की बात करके मतदाता को अपना बना लेते थे जबकि वर्तमान में मतदाता हम तुम्हारे साथ हैं कि बात कहकर नेताओं को दूसरे गांव जाने का रास्ता दिखा रहे हैं।
आज मतदाता को नेताओं के घर का हाल और पार्टी की चाल दोनों का ज्ञान हो चुका है और मतदाता से वह स्वयंभू समर्पित कार्यकर्ता बनकर आए दिन वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर नेताओं के कारनामों को आम आदमी के सामने लाकर नेता जी को बदले हुए समय की कीमत दिखा रहा है। इसका उदाहरण पिछले दिनों निष्ठावान कार्यकर्ताओं का संगठन कही जाने वाली भाजपा के रोड शो में भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष गोविन्द पाठक तथा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष हरिओम पाराशरी के वीडियो वायरल होने से भाजपा कार्यकर्ताओं की स्वामी भक्त होने की बात जगजाहिर हो चुकी है और सांसद डा संघमित्रा मौर्य का मंच पर रोने की चर्चा आम जनता के बीच आ चुकी है जबकि सपा में धर्मेंद्र यादव को बदायूं से हटाना, शिव पाल सिंह यादव का बदायूं मे ंना आने तथा विधानसभा के कार्यकर्ता सम्मेलन में महिला पदाधिकारी द्वारा जिलाध्यक्ष को सुनाई जाने वाली खरी खोटी बात के उपरांत प्रदेश के मुख्यमंत्री को विरोधी खेमें में दूसरे उम्मीदवार के छोड जाने की सूचना पूर्व में होने से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सपा में सब कुछ अच्छा नहीं है। कांग्रेस की गुटबाजी और बसपा की बदहाली किसी से छिपी नहीं है और आम मतदाता इस बात को समझने लगा है कि विभीषण और जयचंद का नाम रोशन करने वाले हर जगह अपना बिस्तर बिछा चुके हैं।