11:34 am Friday , 31 January 2025
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प्रबुद्ध सम्मेलन तो बहाना, योगी आए बुनने जीतने का ताना-बाना

प्रतिद्वंद्वी तगड़ा तभी तो भाजपा की गढ बचाने की जद्दोजहद ? कार्यकर्ताओं को जीतने का मंत्र दे गये योगी आदित्यनाथ।
बदायूं 2 अप्रैल 2024। बदायूं लोकसभा सीट से सन् 1991 में भाजपा का स्वामी चिन्मयानंद ने पहली बार झंडा बुलंद कर जीत हासिल की‌ । उसके बाद 2019 में संघमित्रा मोर्य 28 साल बाद भाजपा को जीत दिला पाई। अब फिर से भाजपा अपने गढ़ को बचाने की जद्दोजहद में है। सामने सपा के शिवपाल यादव राजनीति के बहुत पुराने खिलाड़ी हैं। इसलिए ही भाजपा कोई रिस्क लेना नहीं चाहती। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज प्रबुद्ध सम्मेलन में आना इसी ओर इशारा कर रहा है कि,भाजपा के कार्यकर्ताओं को वह बदायूं सीट जीतने का गुरुमंत्र दे गये है।**—-*—-*—————— भाजपा ने 40 साल बाद दिया लोकल प्रत्याशी।***** देश आजादी के बाद 1952 के पहले लोकसभा चुनाव से लोकल के ही बदन सिंह, रघुवीर सहाय, ओमकार सिंह,करन सिंह यादव ,असरार अहमद सन् 1984 तक सांसद रहे। सलीम इकबाल शेरवानी ने 1984 में कांग्रेस से जीत दर्ज कर बाहरी का तमग़ा पहना जो सन् 89 में शरद यादव,91 में स्वामी चिन्मयानंद, सन् 96,98,99, व सन् 2004 सलीम शेरवानी फिर 2009 में सपा के धर्मेन्द्र यादव,2014 में फिर धर्मेन्द्र यादव बाहर के ही प्रत्याशियों को जनता ने अपना रहनुमा बनाकर संसद भेजा। सन् 2019 में भाजपा की संघमित्रा मोर्य ने 28 साल बाद भाजपा का परचम लहरा कर भाजपा की वापसी कराई। इस बार भाजपा ने बाहरी का तमगा उतार कर लोकल के दुर्विजय शाक्य को मैदान में उतार कर विपक्षियों से आधी लड़ाई जीत ली।***-*** *कार्यकर्ताओं को जीतने के दांव-पेंच सिखा गये योगी आदित्यनाथ***—————– भाजपा बदायूं लोकसभा सीट किसी कीमत पर खोना नहीं चाहती। सामने सपा के शिवपाल सिंह यादव प्रदेश का जाना पहचाना चेहरा है। वही शिवपाल सिंह राजनीति के बहुत पुराने खिलाड़ी हैं। इसलिए भाजपा कोई रिस्क लेना नहीं चाहती। लोकल प्रत्याशी उतार कर ,कार्यकर्ताओं की लम्बी फौज, के साथ इस सीट को अपनी झोली में ही रखना चाहती है। बदायूं क्लब के प्रबुद्ध सम्मेलन हो या कार्यकर्ताओं से भेंट मुख्यमंत्री योगी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के साथ ही किस कंडीशन में जीत सुनिश्चित होगी ऐसा ही गुरु मंत्र देकर गये होंगे। *****— राजेश वार्ष्णेय एमके