अयोध्या से रामेश्वरम तक राम जानकी वन गमन मार्ग की प्रथम भारतीय पदयात्री शिप्रा ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात
105 दिन में 3952 किमी की पद यात्रा कर बनाया कीर्तिमान
बदायूं में सोत नदी की अविरल धारा बहाने एवम गोमती नदी को कब्जामुक्त कर नदी किनारे प्राचीन शिवालयों के जीर्णोधार करने का अनुरोध पत्र दिया
4000 किलो मीटर की अयोध्या से रामेश्वरम तक राम जानकी वन गमन पद यात्रा करने वाली प्रथम भारतीय मातृ शक्ति वाटर वूमन शिप्रा पाठक ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ स्थित आवास पर भेंट की।भारत की प्रथम सरयू से सागर तक जाने वाली इस पद यात्रा के माध्यम से शिप्रा ने भारत के विभिन्न राज्यों में राम जानकी के संकल्प के साथ पद यात्रा करते हुए अध्यात्म जागरण से पर्यावरण जागरण करने की संरचना से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।इसके अलावा शिप्रा पाठक ने बदायूं स्थित सोत नदी की और दातागंज में अरिल अविरल धारा बहाने हेतु मुख्यमंत्री से आवश्यक दिशा निर्देश देने की अनुरोध करने के अलावा जनपद पीलीभीत से लखनऊ होकर कैथी बनारस तक जाने वाली गोमती नदी को कब्जा मुक्त करते हुए नदी किनारे स्थापित प्राचीन शिवालयों के जीर्णोधार हेतु अनुरोध पत्र सौंपा।मुख्यमंत्री ने शिप्रा पाठक के संकल्प की सराहना करते हुए उन्हें पर्यावरण के प्रति उनके नेक कार्य के लिए आशीर्वाद दिया।शिप्रा पाठक ने मुख्यमंत्री को बताया उनके द्वारा नर्मदा,शिप्रा,गोमती,सरयू,नाद,वरुणा,सोत जैसी नदियों पर पौधारोपण कर नदी संरक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है।उन्होंने बताया उनकी संस्था द्वारा अब तक लगभग 12 लाख पौधे रोपित किए जा चुके है।शिप्रा ने बताया उनके द्वारा जनपद पीलीभीत के माधोटांडा से निकलने वाली गोमती नदी की 1008 किमी की पद यात्रा की है जो उत्तर प्रदेश के दर्जनों जनपदों से होते हुए बनारस जौनपुर सीमा कैथी तक जाती है।शिप्रा ने नदी को कब्जामुक्त करते हुए किनारे पड़ने वाले दिव्य शिवालयों के जीर्णोदर करने की भी चर्चा की।शिप्रा ने मुख्यमंत्री को राम वन गमन क्षेत्र की दर्जनों नदियों का एकत्र पवित्र जल भी भेंट किया।