बेटियां तो बेटियां हैं बेटों से यह कम नहीं
आ जाए अपने पर तो यह शेरों से भी कम नहीं
बिल्सी में हुआ कवि सम्मेलन
बिल्सी। नगर के तहसील रोड स्थित नारायन ग्रीन हाउस में उत्तर प्रदेश हिंदी प्रचार समिति के तत्वावधान में रंगों के पर्व होली मिलन के उपलक्ष्य में यहां एक काव्य सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसकी युवा कवि विष्णु असावा ने अध्यक्षता की। यहां पधारे कवियों ने काव्य पाठ किया। यहां संचालन कवि षटवदन शंखधार ने किया। सबसे पहले कवि विष्णु असावा ने मां सरस्वती की वंदना के बाद अपनी रचना को सुनाया।
शुभकामनाएं आप सबको ही बार बार
होली का त्यौहार धूमधाम से मनाइये ,
प्रेम में मगन मिल गले एक दूसरे के
छल दंभ द्वेष बैर भाव को जलाइये ।
इसके बाद कवि नरेंद्र गरल ने सुनाया-
अबकी ऐसे हाल हो गए होली में
मधुर मधुर स्वर ताल हो गए होली में।
बदायूं से पधारे कवि विवेक यादव “अज्ञानी” ने सुनाया।
उड़ाओ खूब रंग खुशी के यार होली में…..
मिलाओ दिल से दिल और लुटाओ प्यार होली में……
नगर के कवि सुवीन माहेश्वरी ने सुनाया।
राष्ट्र स्वाभिमान और राष्ट्र मान के लिये ,
देशद्रोहियों के आगे छाती ये तनी रहे ।
हित साधते रहें ऐसे ही भारत का,
ऐसी देश भक्ति सदा देश से सनी रहे।
संचालन कर रहे षटवदन शंखधार ने सुनाया-
सभी खुशियाँ भरें रघुवर तुम्हारी अपनी झोली में।
दुखी मन हो नहीं कोई कटे सबकी ठिठोली में।
लगाओ रंग गालों पर गले मिलकर खुशी बाँटो।
सुनो शुभकामना मेरी करो स्वीकार होली में।
नगर के युवा कवि ओजस्वी जौहरी ने सुनाया।
खुद चला डाली कुल्हाड़ी हमने अपने पाँव पर
वो उठाते फिर रहे हैं उंगलियां मेरे गाँव पर।
कवि आशीष वसिष्ठ ने सुनाया।
नए उत्साह का संचार करती होली आती है
बालकों को युवाओं को बुजुर्गों को सुहाती है।
अमनदीप उपाध्याय ने सुनाया।
बेटियां तो बेटियां हैं बेटों से यह कम नहीं
आ जाए अपने पर तो यह शेरों से भी कम नहीं
आचार्य संजीव रूप ने सुनाया।
होली है पर्व पावन खुशियों का मनाओ
गुलाल के रंग एक दूसरे के गालों पर लगाओ
इसके अलावा गणेश यादव, अमित अम्बर ने भी अपनी रचनाएं पढ़ कर सुनाई। बाद में वरिष्ठ कवि सोमेंद्र माहेश्वरी सोम ने सभी कवियों को प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर समिति के प्रशांत जैन अनुज शर्मा, शिवांक दीक्षित, अमनदीप उपाध्याय समेत सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।