बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
धर्मेंद्र यादव ने बदायूं का सांसद बनने के बाद विकास कराने और लोगों से सम्बन्ध बनाने में कोई कमी नहीं छोडी परंतु इस दौरान उन्होंने आखें दिखाने वालों के घर जाकर समझौता करने की कमी बार बार की। लोगों की माने तो अखिलेश यादव की सरकार में जनपद में सपा के कहानीकार बनवारी सिंह यादव को नजरंदाज करके अखिलेश सरकार में लालबत्ती दिलाने का वह काम किया जो स्वयं धर्मेन्द्र यादव को ऐसा सिरदर्द साबित हुआ जो उनको बदायूं छोडने का कारण साबित हुआ। अब बात करते हैं समर्पित उन सपाईयों की जिन्होंने उस समय धर्मेंद्र यादव को बहुत कुछ समझाया पर वह सब उनकी समझ में नहीं आया और ना अब आ रहा है क्योंकि बदायूं के सपा उम्मीदवार शिवपाल यादव भी धर्मेन्द्र यादव को सिरदर्द बनने वाली उसी राह पर चलते दिख रहे हैं।