बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
बदायूं के पिछडेपन के लिए जिम्मेदार चचा ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा की। उनकी इस घोषणा पर तमाम लोगों का कहना है कि अगर यह काम राज्यसभा उम्मीदवार की नामांकन प्रक्रिया से पूर्व कर लिया होता तो कितना अच्छा होता। ना तो उनकी शतरंज की गोट विद्रोह करती और ना ही सपा में उम्मीदवार का परिवर्तन करने की स्थति देखने को मिलती। अब आज राजनीति से सन्यास लेकर चचा ने अपने चहेते को बीच मझधार में छोड दिया है। अब चहेते ना तो सपा में वापसी कर सकते हैं और ना बिना चचा के कोई नया पैतरा चल सकते हैं। कुल मिलाकर चचा ने बदायूं में राजनेतिक पारी शुरू करने के बाद साथ देने वालों को जिस तरह राजनीति से दूर किया उसी तरह अपने चहेते को सपा से दूर करने का काम किया है।