शहीदी दिवस पर पंजाबी समाज द्वारा शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद किया गया|
आज पंजाबी समाज सेवा समिति द्वारा शहीद भगत सिंह चौक पर शहीदों को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्प अर्पित कर व एक मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई|
इस अवसर पर बोलते हुए समिति संरक्षक श्री सुशील धिंगड़ा जी ने कहा कि शहीद ए आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे क्रांतिकारी आज के जमाने में होना बहुत मुश्किल है हमारी आने वाली पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए कि उन्होंने अपनी जान कुर्बान कर हमको आजादी दिलवाई
इस अवसर पर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अशोक नारंग जी ने कहा देश को आजाद कराने में अपनी जवानी में ही कुर्बानी देने वाले ऐसे शहीदों को शत-शत नमन है| जैसा की विदित है कि इन तीनो क्रांतिकारियों को 23 मार्च 1931 को शाम 7:00 लाहौर की जेल में फांसी दी गई थी| अंग्रेज इनसे इतना डर गए थे की फांसी की तिथि 24 मार्च 31 निर्धारित होने के पश्चात भी इन्हें 1 दिन पूर्व ही फांसी दे दी गई|
समिति के महासचिव श्री जगजीत वोहरा ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि आज तक ऐसे क्रांतिकारी शहीदों को भारत रत्न से सम्मानित नही किया गया है जबकि ऐसे क्रांतिकारियों की कुर्बानी के कारण ही हम आज आजादी की सांस ले पा रहे हैं|
समिति के युवा सदस्य श्री मोनू मिनोचा जी ने कहा कि हमें इतिहास से सबक लेते हुए अपने बच्चों को सीख देनी चाहिए कि अच्छे कार्य करते हुए यदि कुर्बानी भी देनी पड़े तो वह कम है, क्योंकि हमारी एक कुर्बानी सैकड़ों जिंदगी का भला कर सकती है|
वरिष्ठ सदस्य श्री अनिल जटवानी जी ने कहा कि यदि हमने अपने शहीदों की कुर्बानी को याद नहीं रखा तो वह दिन दूर नहीं कि हम फिर गुलामी मानसिकता के हो जायेंगे|
इस अवसर पर समिति के समस्त पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे|