व्यय अभिलेख प्रस्तुत ना करने पर होगी एफआईआर दर्ज
बेनामी प्रचार साम्रगी मिलने पर प्रिंटिग प्रेस होगी जब्त
बदायूँः 13 मार्च। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के अंतर्गत आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु लगाई गई विभिन्न टीमों का प्रशिक्षण बुधवार को डायट ऑडिटोरियम में दिया गया। जिलाधिकारी मनोज कुमार ने अधिकारियों से कहा कि वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 व संबंधित नियम व कानून का भली प्रकार अध्ययन करें व अपने से संबंधित दायित्वों का निर्वहन आयोग की मंशा अनुरूप करें। लोकसभा सामान्य निर्वाचन के प्रत्याशी के लिए अधिकतम व्यय सीमा रुपए 95 लाख निर्धारित की गई है।
मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार ने अधिकारियों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस) बनाया गया है जिसमें शराब, गांजा व धन आदि की जब्ती पर उसकी एंट्री कराई जाएगी तथा इसके बाद संबंधित विभागीय अधिकारी उस पर प्रभावी कार्यवाही करेंगे। किसी भी प्रकार के सीजर (जब्ती) पर संबंधित को आवश्यक रूप से रसीद उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि व्यय संबंधी अभिलेखों के ना बनाए जाने व नोटिस के बाद प्रस्तुत नहीं करने पर आईपीसी 1860 की धारा 171 आई के अंतर्गत प्रभावी कार्रवाई करते हुए एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
उन्होने बताया कि प्रत्याशी द्वारा नॉमिनेशन के दिन किया गया कुल व्यय भी प्रत्याशी के व्यय खाते में जोड़ा जाएगा। उन्होने बताया कि शैडो ऑब्जरवेशन रजिस्टर व फोल्डर ऑफ एविडेंस भी प्रत्याशी के संबंध में बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शैडो ऑब्जरवेशन रजिस्टर एक पब्लिक डॉक्यूमेंट है जिसकी प्रति रूपए एक प्रति पेज के हिसाब से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 के अंतर्गत रिकॉग्नाइज पार्टी के लिए 40 स्टार प्रचारक व नॉन रिकॉग्नाइज्ड पार्टी के लिए 20 स्टार प्रचारक हो सकते हैं।
उन्होने बताया कि कंप्लेंट मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम और कॉल सेंटर की स्थापना जनपद स्तर पर विभिन्न प्रकार की शिकायतों के निस्तारण के लिए की जाएगी। उन्होने बताया कि किसी भी प्रकार के डोनेशन अथवा व्यय के लिए एक व्यक्ति, संस्था व कंपनी से रुपए 10000 से अधिक की कोई भी डील नहीं की जा सकती है इससे अधिक की डोनेशन व व्यय के लिए अकाउंट पेई चेक अथवा आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से ही लेनदेन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन जैसे ऑडियो विजुअल, बल्क एसएमएस, सोशल मीडिया हैंडल्स पर, डिजिटल पोर्टल या ई-पेपर, रेडियो एफएम आदि, इलेक्ट्रॉनिक टीवी, लोकल केबल पर किए गए प्रचार के लिए प्री-सर्टिफिकेशन आवश्यक है। इसके लिए रिकॉग्नाइज्ड दल के प्रत्याशी या एजेण्ट को तीन दिन पहले तथा नॉन रिकॉग्नाइज्ड पार्टी के प्रत्याशी या एजेण्ट के लिए सात दिन पहले मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति को आवेदन करना होगा।
उन्होंने कहा कि बेनामी प्रचार सामग्री पकड़े जाने पर प्रिंटिंग प्रेस को जब्त भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 (क) व (ख) का अनुपालन सभी प्रत्याशी, एजेण्ट व प्रिंटिग प्रेस स्वामी सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने बताया कि निर्वाचन के दौरान वीडियो सर्विलेंस टीम, वीडियो व्यूईंग टीम, स्टेटिक सर्विलांस टीम, मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी), फ्लाइंग स्क्वायड टीम आदि विभिन्न प्रकार की टीमें गठित की जाती हैं।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन रेनू सिंह, नगर मजिस्ट्रेट अरुण कुमार, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राममोहन सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।