बदायूँ। रमज़ान-उल-मुबारक का चांद का एलान होते ही रमज़ान की इबादत केलिए मस्जिदें भी गुलजार होने लगीं। बाज़ार की रौनक भी अपने शबाब पर थीं। एक ओर सहरी और इफ्तार का बंदोबस्त करती महिलाएं तो दूसरी ओर सिर पर टोपी लगाए मस्जिदों की ओर जाने की ललक। इस्लामिक माह शाबान की 29 तारीख यानि 11 मार्च को रमज़ान-उल-मुबारक का चांद देखने के लिये हर कोई व्याकुल था। रमज़ान के मुकददस चांद केदीदार केलिए आसमान में लोगों की निगाह टिकी हुई थी।
रमज़ान का चांद दिखने का एलान होते ही रोजेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई।
शिया तंज़ीमुल मोमिनीन कमेटी बदायूँ के जनरल सेक्रेटरी जनाब सय्यद जाबिर ज़ैदी साहब ने बताया कि चांद देखने की तस्दीक हुई है। मंगलवार से पहला रोजा शुरू होगा। इसके बाद जॉइंट सेक्रेटरी जनाब ग़ुलाम अब्बास साहब ने रमज़ान-उल-मुबारक की समय सारिणी पेश की।