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शिवपुरम गलीन ०२ बदायूँ में श्रीमद् भागवत के सप्तम दिवस पर आचार्य श्री राम कुमार मिश्रा शास्त्री श्री नाथनगरी, बरेली ने महात्मा सुदामा के चरित्र का विस्तार पूर्वक वर्णन किया अवगत कराया कि सुदामा जी गरीब नहीं बल्कि स्वाभिमानी ब्राहमण थे, उन्होने आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद अपने स्वाभिमान को नहीं छोड़ा, भगवान श्री कृष्ण जो कि उनके परम् मित्र थे उनके साथ भी लीला की जिससे उनके स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे इसलिए सुदामा द्वारा घर से लाये गए चावलो को अत्याधिक महत्व देते हुए उन्हें ग्रहण किया व द्वारिका पुरी से- खाली विदा किया व उनके पहुंचने से पूर्व ही विश्वकर्मा जी को भेजकर धन धान्य से पूर्ण सुदामा पुरी का निर्माण करवा दिया। इसके अतिरिक्त अनेको ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग सुनाए। आज यजमान उमेश कुमार सिंह व श्रीमती शकुंतला देबी के अतिरिक्त आयोजक श्रीमती सन्तोष शर्मा ने इस पुनीत कार्य में सहयोग करने वालो व श्रोताओं का आभार प्रकट किया अन्त में कथा का विश्राम आरती के बाद हुआ। सभी भक्तों, श्रोताओं, आंगंतुकों को को भंडारे में
प्रसाद / भोजन ग्रहण करवाया गया।