बदायूँ। शहर के सागरताल रोड स्थित दरगाह मज़ाक मियाँ पर हर साल की तरह इस साल भी हजरत ख्वाजा सय्यद शाह मोहम्मद दिलदार अली अल मारूफ हजरत मज़ाक मियां रहमतुल्लाह अलैहे के नाना हजरत मौलवी सय्यद शाह अब्दुल अली नकवी रहमतुल्लाह अलैहि का 196वां सालाना उर्स एवं हजरत ख्वाजा सय्यद शाह मोहम्मद ईसार अली अल मारूफ हजरत मौलवी मियां रहमतुल्लाह अलैहे की 66 वीं सालाना नियाज़ की महफिल सजाकर कुरआन पाक की तिलावत से आगाज किया गया। बाद नमाज़ ए जुहर मीलादे पाक की महफिले समां के साथ खाने के लंगर की महफिल सजाई गई। बाद मे असिर की नमाज़ के बाद कब्बाली का दौर चला जिसमें हाजिर कब्बाल की टोली ने कब्बाली के पाकीज़ा व रूहानी कालामों की बौछार कर हाजिर लोगो का जीत लिया और कब्बाली के कलामों से मस्त होकर लोग मस्ती में झूंम उठे और कब्बालो पर रुपयो की बारिश कर दी।
कब्बाली की महफिल के बाद फातिहा की रस्म अदायगी कर लोगो को दुआओं से नवाजा साथ ही वतन व कौन की खुशहाली अमनो अमान व सलामती के लियें दुआये खैर की गई। इस बीच हाजिर अकीदतमंदों ने मजारे मुबारक पर गुलपोशी व चादरपोशी कर दुआये व मन्नतें मांगी।
अकीदतमंदों का मानना है कि इस दरगाह पर की गई हाजरी कभी खाली नहीं जाती है और सच्चे दिल से मांगी गई दुआ व मन्नत जरूर पूरी होती है। बाद में फातिहा के लगंर को तकसीम किया गया।
दरगाह के सज्जादानशीन हजरत मौलवी सय्यद शाह मोहम्मद इख्तियार अली, हजरत मौलवी सय्यद शाह मोहम्मद आसार अली, हजरत मौलवी सय्यद शाह मोहम्मद गुलजार अली, हजरत सय्यद मोहम्मद इजहार अली शाह, हजरत सय्यद मोहम्मद फज़ल अली शाह ने हाजिर लोगो की मदद कर दुआओं से नवाजा व तबर्रुक तकसीम किया। उर्स के मौके पर अकीदतमंदों की खासी भीडभाड मौजूद रही।