3:15 pm Friday , 31 January 2025
BREAKING NEWS

कुल की फातिहा के साथ दो रोज़ा उर्स ए फरीदी संपन्न

“जहांने शैख मुजद्दिद” और “जहांने अमीर खुसरौ” किताब का हुआ रस्मे इजरा

बदायूं। हर साल की तरह इस साल भी बाबा फरीद के पोते कुतबे बदायूं मुफ्ती शाह मोहम्मद इब्राहिम फरीदी का दो रोज़ा सालाना उर्स ए फरीदी का आगाज़ 11वीं शरीफ की न्याज़ से हुआ। जिसके बाद शाम 4:00 बजे चादर शरीफ का जुलूस मोहल्ला कामांगरान स्थित खानकाहे फरीदिया से दरगाह पहुंचा। जिसमे अकीदतमंदो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। बाद नमाजे इशा साहिबे सज्जादा खानकाह आबादानिया, फरीदिया बदायूं शरीफ, हज़रत मोहम्मद अनवर अली फरीदी (सुहैल फरीदी) साहब की सदारत में महफिल मिलाद शरीफ की महफिल का आयोजन किया गया। आखिर में सलातो सलाम के बाद मुल्क व कौम की तरक्की और खुशहाली के लिए दुआ की गई। सभी को तबर्रुक तकसीम किया गया।
उर्स के दूसरे दिन सुबह नौ बजे कुरआन ख्वानी, के बाद नतिया महफिल का इनकाद किया गया। कुल की फातिहा से पहले उलेमाओं ने खिताब फरमाया ।साहिबे सज्जादा खानकाह आबादानिया, फरीदिया बदायूं शरीफ, हज़रत मोहम्मद अनवर अली फरीदी (सुहैल फरीदी) साहब ने फरमाया कि बुजुर्गों को खानकाह से बाबस्तगी रखनी चाहिए। इन अल्लाह वाले बुजुर्गों के दर से हमेशा मुरादों की झोलिया भरी जाती रही हैं। यहां से अकीदतमंदो को हमेशा फैज़ पहुंचता हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस्लाम की सच्ची राह पर चलते हुए सच्चाई, प्यार मोहब्बत का पैगाम देना चाहिए ये ख्याल रहे की हमारे बर्ताव से किसी पड़ोसी व रिश्तेदारों का दिल न दुखे।हमें अपने पैगंबर के बताए नियमो का पालन करना चाहिये इस्लाम प्यार मोहब्बत और भाईचारे का नाम है।
इस मौके पर खानकाह फ़रीदिया बदायूं शरीफ में शेख तरीकत शाह मोहम्मद अनवर अली सुहैल फरीदी की इमाम रब्बानी मुजद्दिद अल्फ सानी हजरत शेख अहमद सरहंदी फारुकी और अमीरूशशोअरा तूती ए हिंद जाने महबूब ए इलाही हज़रत अमीर खुसरौ देहलवी की पाकीजा सीरत पर गिरां कद्र किताब “जहांने शैख मुजद् दिद” और “जहांने अमीर खुसरौ” का रस्मे इजरा उल्मा ओ माशायख के दस्ते मुबारक से किया गया।
जिसके बाद कुल शरीफ की रस्म अदा की गई और मुल्क व कौम की तरक्की और खुशहाली के लिए सामूहिक दुआ की गई। सभी को लंगर तकसीम किया गया।